अफगानिस्तान में तालिबान ने हास्य कलाकार की हत्या की बात कबूली, पीटने का वीडियो हुआ वायरल
फगानिस्तान में तालिबान के बढ़ते दबदबे के बीच महिलाओं पर अत्याचार के बाद अब अन्य लोगों पर भी इस्लामी कानून लागू करना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में तालिबान ने इस हफ्ते देश के दक्षिण में एक हास्य कलाकार की हत्या की जिम्मेदारी ली है।
इस्लामाबाद, एपी। अफगानिस्तान में तालिबान के बढ़ते दबदबे के बीच महिलाओं पर अत्याचार के बाद अब अन्य लोगों पर भी इस्लामी कानून लागू करना शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में तालिबान ने इस हफ्ते देश के दक्षिण में एक हास्य कलाकार की हत्या की जिम्मेदारी ली है। अब अफगानिस्तान में बदला लेने के लिए हत्याओं की आशंका बढ़ गई क्योंकि अमेरिका और नाटो के सैनिकों ने अफगानिस्तान से जाने को अंतिम रूप दे दिया है।
This video shows the moment, Kandahari comedian, Khasha was arrested by the Taliban, Slapping him inside the car and then killed him. pic.twitter.com/E642Y52uto— Tajuden Soroush (@TajudenSoroush) July 27, 2021
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो
हास्य कलाकार खाशा ज्वान के नाम से मशहूर नजर मोहम्मद को थप्पड़ मारने और गाली देने वाले दो लोगों का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। बाद में उसे गोली मार कर हत्या कर दी गई। तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने स्वीकार किया कि दोनों लोग तालिबानी थे। मुजाहिद ने कहा कि दोनों लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है और उन पर मुकदमा चलाया जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि कंधार प्रांत के दक्षिणी हिस्से से आने वाला यह हास्य कलाकार भी अफगान नेशनल पुलिस का सदस्य था और उसे तालिबानियों की यातना कर मारने के आरोप में फंसाया गया।
मुजाहिद ने कहा कि तालिबान को हास्य कलाकार को गिरफ्तार करना चाहिए था और उसे मारने के बजाय उसे तालिबान की अदालत में लाना चाहिए था। अब अफगानिस्तान में बदला लेने के लिए क्रूरता से हत्या और हमलों की आशंका बढ़ा दी है। इसने तालिबान के इस आश्वासन को भी कमजोर कर दिया कि अमेरिकी सेना या अमेरिकी संगठनों के साथ सरकार के लिए काम करने वाले लोगों को कोई नुकसान नहीं होगा।
महिलाओं पर लगाया गया प्रतिबंध
तालिबान के कब्जे वाले इलाकों में कथित तौर पर सैकड़ों लोगों की हत्या कर दी गई है और स्कूलों को जला दिया गया है। महिलाओं पर प्रतिबंध लगाने की खबरें सामने आई हैं। पिछली बार के तालिबान के शासन ने यादों को ताजा कर दिया है। उस समय भी उन्होंने लड़कियों को स्कूलों में प्रवेश से वंचित कर दिया था और महिलाओं को काम करने से रोक दिया था।
तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने कहा कि समूह के कमांडरों से नागरिकों के साथ हस्तक्षेप नहीं करने या नए कब्जे वाले क्षेत्रों में प्रतिबंध लगाने का आदेश नहीं है। उन्होंने कहा कि गड़बड़ी की शिकायत आने पर जांच की जाती है। हालांकि ह्यूमन राइट्स वॉच की पेट्रीसिया गॉसमैन का कहना है कि अफगानिस्तान के दशकों के युद्ध के दौरान सभी पक्षों ने बदला लेने के लिए हत्याएं की हैं।