संयुक्त राष्ट्र की गतिविधियों में फिर से शामिल होगा ताइवान, चीन के तमाम प्रयासों के बाद भी अमेरिका सफल

51 साल के बाद अमेरिका के सहयोग से संयुक्त राष्ट्र की गतिविधियों में फिर से शामिल होने के ताइवान के प्रयास संभव हो सके हैं। चीन के तमाम प्रयासों के बीच रविवार को अमेरिका ने ताइवान के साथ उच्च स्तरीय बैठक की।

By Nitin AroraEdited By: Publish:Mon, 25 Oct 2021 09:40 AM (IST) Updated:Mon, 25 Oct 2021 09:40 AM (IST)
संयुक्त राष्ट्र की गतिविधियों में फिर से शामिल होगा ताइवान, चीन के तमाम प्रयासों के बाद भी अमेरिका सफल
संयुक्त राष्ट्र की गतिविधियों में फिर से शामिल होगा ताइवान, चीन के तमाम प्रयासों के बाद भी अमेरिका सफल

ताइपे, एएनआइ। ताइवान की अंतरराष्ट्रीय भागीदारी कम करने के चीन के तमाम प्रयासों के बीच रविवार को अमेरिका ने ताइवान के साथ उच्च स्तरीय बैठक की। इस बैठक में स्वघोषित देश की संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय संगठनों में भूमिका बढ़ाने के प्रयासों पर चर्चा की गई। आने वाले दिनों में ताइवान संयुक्त राष्ट्र की कई गतिविधियों में शामिल होकर उनमें सहयोग देगा।

बैठक में ताइवान के अमेरिकन इंस्टीट्यूट और ताइवान के आर्थिक और सांस्कृतिक प्रतिनिधि कार्यालय के अधिकारियों ने हिस्सा लिया। इस वर्चुअल मीटिंग में संयुक्त राष्ट्र में ताइवान की भूमिका बढ़ाने पर विचार किया गया। इस प्रक्रिया में अमेरिका और उसके सहयोगी देश ताइवान की मदद करेंगे।

अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि विभिन्न मामलों में ताइवान की विशेषज्ञता का लाभ संयुक्त राष्ट्र के जरिये अन्य देशों को देने पर विचार किया गया। ताइवान विभिन्न वैश्विक चुनौतियों, स्वास्थ्य, पर्यावरण सुधार, मौसम में हो रहे बदलाव और तकनीक क्षेत्र की विशेषज्ञता से संयुक्त राष्ट्र को लाभान्वित करेगा। इसी के साथ ताइवान विश्व स्वास्थ्य संगठन को भी अपनी विशेषज्ञता का लाभ देगा। इस कार्य में भी अमेरिका उसका सहयोग करेगा। ताइवान संयुक्त राष्ट्र के ढांचे में पर्यावरण सुधार के लिए चलने वाली गतिविधियों में भी भूमिका निभाएगा। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के अनुसार सहयोग का फैसला ताइवान की अंतरराष्ट्रीय संगठनों में कार्य करने की तीव्र इच्छा को देखते हुए किया गया है।

ताइवान की विदेशी मामलों की महासचिव लिली सू ने अमेरिका के सहयोग के लिए आभार जताया है। कहा है कि ताइवान सरकार अंतरराष्ट्रीय बिरादरी की सहूलियतों के लिए अपनी ओर से हर तरह का योगदान देगी। उल्लेखनीय है कि चीन के दबाव के चलते ताइवान को 1971 में संयुक्त राष्ट्र से हटा दिया गया था। इसके बाद उसने आमसभा की बैठक या संयुक्त राष्ट्र की किसी अन्य गतिविधि में हिस्सा नहीं लिया।

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