अब्दुल्ला हामडोक को सेना ने फिर बनाया सूडान का प्रधानमंत्री, राजनीतिक घोषणापत्र में 14 बातों पर समझौता

सेना ने सूडान के अपदस्थ प्रधानमंत्री अब्दुल्ला हामडोक को रविवार को फिर से प्रधानमंत्री पद सौंप दिया। आधिकारिक टीवी ने खबर दी है कि वर्तमान राजनीतिक संकट खत्म करने के लिए हामडोक एवं सूडानी सशस्त्र बल के जनरल कमांडर ने एक राजनीतिक घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए हैं।

By TaniskEdited By: Publish:Sun, 21 Nov 2021 11:06 PM (IST) Updated:Sun, 21 Nov 2021 11:06 PM (IST)
अब्दुल्ला हामडोक को सेना ने फिर बनाया सूडान का प्रधानमंत्री, राजनीतिक घोषणापत्र में 14 बातों पर समझौता
अब्दुल्ला हामडोक को सेना ने फिर बनाया सूडान का प्रधानमंत्री। (फोटो- एएनआइ)

खार्तूम, एएनआइ। सेना ने सूडान के अपदस्थ प्रधानमंत्री अब्दुल्ला हामडोक को रविवार को फिर से प्रधानमंत्री पद सौंप दिया। आधिकारिक टीवी ने खबर दी है कि वर्तमान राजनीतिक संकट खत्म करने के लिए हामडोक एवं सूडानी सशस्त्र बल के जनरल कमांडर ने एक राजनीतिक घोषणापत्र पर हस्ताक्षर किए हैं। इसके बाद हामडोक को प्रधानमंत्री पद सौंप दिया गया। सूडान के आधिकारिक टीवी ने घोषणापत्र पर हस्ताक्षर का सीधा प्रसारण किया।

राजनीतिक घोषणापत्र में 14 बातों पर समझौता किया गया है। इनमें सबसे ज्यादा उल्लेखनीय हामडोक को फिर से प्रधानमंत्री नियुक्त करना, संक्रमण की अवधि के लिए संवैधानिक दस्तावेज को संवैधानिक निर्देश के रूप में मानना, राजनीतिक बंदियों की रिहाई और हाल के प्रदर्शनों के दौरान नागरिकों और सैन्य कर्मियों की मौत एवं उन्हें हुई क्षति की जांच कराना जैसी बातें शामिल हैं। समझौते के अनुसार, हामडोक नेशनल कांग्रेस पार्टी को छोड़कर सभी राजनीतिक ताकतों के साथ परामर्श कर सरकार गठित करेंगे।

विपक्ष ने प्रधानमंत्री और सेना के बीच राजनीतिक समझौते को खारिज किया

विपक्ष ने इस समझौते को खारिज करते हुए कहा है कि हमडोक और बुरहान के बीच आज हुए देशद्रोही समझौते को पूरी तरह से खारिज किया जाता है। यह हाल के तख्तापलट और सैन्य परिषद के अधिकार के साथ-साथ डा अब्दुल्ला हमडोक की पालिटिकल सुसाइड को सही ठहराने का एक झूठा प्रयास है।

सेना ने 25 अक्टूबर को तख्तापलट करके सत्ता पर जमा लिया था कब्जा

इससे पहले दिन में सूडान की सेना ने नई सरकार को लेकर एक समझौते पर पहुंचने के तुरंत बाद अपदस्थ प्रधानमंत्री अब्दुल्ला हमडोक की आवाजाही पर लगे सभी प्रतिबंधों को हटा दिया। बता दें कि सेना ने तख्तापलट करके 25 अक्टूबर को सूडान में सत्ता पर कब्जा कर लिया था और अपने नेताओं को गिरफ्तार कर लिया था। लोगों इसके खिलाफ सड़क पर उतर आए और लगातार इसका विरोध किया। इस दौरान हिंसा भी देखने को मिली। 

chat bot
आपका साथी