सूडान के दारफुर क्षेत्र में 46 गांवों को जलाया गया, कम से कम 43 लोगों की मौत

सूडान के पश्चिमी दारफुर राज्य में 46 गांवों को जलाया और लूट लिया गया। इसमें कम से कम 43 लोगों की मौत हो गई है। सूडान में मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (ओसीएचए) ने गुरुवार को यह जानकारी दी।

By TaniskEdited By: Publish:Thu, 25 Nov 2021 10:50 PM (IST) Updated:Thu, 25 Nov 2021 10:50 PM (IST)
सूडान के दारफुर क्षेत्र में 46 गांवों को जलाया गया, कम से कम 43 लोगों की मौत
सूडान के पश्चिमी दारफुर राज्य में हिंसा । (फोटो- एएनआइ)

खार्तूम,एएनआइ। सूडान के पश्चिमी दारफुर राज्य में 46 गांवों को जलाया और लूट लिया गया। इसमें कम से कम 43 लोगों की मौत हो गई है। सूडान में मानवीय मामलों के समन्वय के लिए संयुक्त राष्ट्र कार्यालय (ओसीएचए) ने गुरुवार को यह जानकारी दी। ओसीएचए ने एक बयान में कहा कि 17 नवंबर को पश्चिमी दारफुर के जेबेल मून इलाके में अरब खानाबदोशों और मिसरिया जेबेल जनजाति के किसानों के बीच संघर्ष हुई। प्रारंभिक रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि कम से कम 43 लोग मारे गए हैं। 46 गांवों को जला दिया गया है और लूटपाट की गई है। फिलहाल संघर्ष जारी है। इसमें भारी संख्या में लोग घायल हुए हैं।

सेना और प्रधानमंत्री के बीच समझौते का विरोध

बता दें कि देश में एक महीने पहले तख्तापलट हुआ था। हाल ही में सेना और अपदस्थ प्रधानमंत्री अब्दुल्ला हामडोक के बीच समझौता हुआ। इसके बाद हामडोक को प्रधानमंत्री पद सौंप दिया गया। सेना और प्रधानमंत्री के बीच समझौते का देश में भारी विरोध हो रहा है। गुरुवार को हजारों लोगों ने खार्तूम और अन्य शहरों की सड़कों पर विरोध प्रदर्शन किया।

बंदियों को रिहा करने की प्रक्रिया को तत्काल शुरू करने का आदेश

सूडान के प्रधानमंत्री हमडोक ने प्रदर्शनों के लिए सुरक्षा और बंदियों को रिहा करने की प्रक्रिया को तत्काल शुरू करने का आदेश दिया। प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान में यह जानकारी दी है। हमडोक ने सूडानी पुलिस के साथ अपनी बैठक के दौरान यह आदेश दिया।

बंदियों को रिहा करने की प्रक्रिया पूरे देश में लागू

इस दौरान उन्होंने प्रदर्शनों को लेकर विस्तृत योजना की समीक्षा की और 2019 में पूर्व राष्ट्रपति उमर अल-बशीर को अपदस्थ करने वाली सूडानी क्रांति के सिद्धांतों के अनुसार शांतिपूर्ण अभिव्यक्ति को एक वैध अधिकार बताया। बयान के अनुसार, बंदियों को रिहा करने की प्रक्रिया पूरे देश में लागू है। सूडानी सशस्त्र बल के जनरल कमांडर अब्देल फतह अल-बुरहान द्वारा 25 अक्टूबर को आपातकाल घोषित करने के बाद से सूडान में राजनीतिक संकट जारी है।

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