सूडान में सैन्य तख्तापलट, प्रधानमंत्री और कैबिनेट के लोग गिरफ्तार; इंटरनेट सेवा बाधित

देश के मुख्य लोकतंत्र समर्थक समूह सूडानीज प्रोफेशनल्स एसोसिएशन ने सैन्य तख्तापलट का मुकाबला करने के लिए लोगों से सड़कों पर उतरने का आह्वान किया है। समूह ने कहा है कि देश में इंटरनेट और फोन के सिग्नल काम नहीं कर रहे हैं।

By Manish PandeyEdited By: Publish:Mon, 25 Oct 2021 12:08 PM (IST) Updated:Mon, 25 Oct 2021 06:11 PM (IST)
सूडान में सैन्य तख्तापलट, प्रधानमंत्री और कैबिनेट के लोग गिरफ्तार; इंटरनेट सेवा बाधित
सूडान के असैन्य और सैन्य नेताओं के बीच हफ्तों से तनाव चल रहा है।

काहिरा, एपी। सूडान में सेना ने सोमवार को तख्तापलट कर दिया। वहां के अंतरिम प्रधानमंत्री अब्दल्ला हमदोक और मंत्रिमंडल के कमोबेश सभी सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया गया। इतना ही नहीं, आधा दर्जन उच्चाधिकारियों को भी हिरासत में लिया गया है। हालांकि प्रधानमंत्री कहां हैं यह अभी तक किसी को पता नहीं है। बताया जाता है कि उन्हें किसी अज्ञात स्थल पर हिरासत में रखा गया है।

सूचना मंत्रालय के फेसबुक पेज के अनुसार, सूडान में इंटरनेट की स्पीड (गति) को स्लो (कम) कर दिया गया है। सुरक्षा बलों ने पुलों को बंद कर दिया है। देश के सरकारी टीवी चैनल पर फिलहाल देशभक्ति का परंपरागत संगीत बजा रहा है और नाइल नदी की तस्वीरें दिखाई जा रही हैं। देश की मुख्य लोकतंत्र समर्थक संगठन और सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी ने अलग-अलग अपीलों में सूडान की जनता से सड़कों पर उतरकर सैन्य तख्तापलट का विरोध करने को कहा है। इसके बाद हजारों की तादाद में लोग खारतुम और ओमदुरमन शहरों में सड़कों पर उतर आए और उन्होंने विरोध-प्रदर्शन किया। आनलाइन फुटेज में लोगों को सड़कों को ब्लाक करते देखा गया है। सुरक्षा बलों के आसूं गैस (टीयर गैस) छोड़ने पर प्रदर्शनकारियों ने टायरों में आग लगा दी। उल्लेखनीय है कि दो साल पहले जनता ने लंबे समय तक देश के शासक रहे ओमर-अल-बशीर को विरोध-प्रदर्शन कर हटा दिया था। इसके बाद सूडान में लोकतंत्र की स्थापना हुई थी, लेकिन अब फिर से यह देश सैन्य शासन के शिकंजे में जा चुका है।

इस्लामी कट्टरपंथी चाहते हैं देश में सैन्य शासन

सूडान के लोकतांत्रिक नेताओं और सैन्य अफसरों के बीच तनातनी पहले ही शुरू हो गई थी। सितंबर माह में भी तख्तापलट की एक कोशिश हुई थी जिससे सरकार और सैन्य प्रशासन में दरार पड़ने लगी थी। इस्लामिक कट्टरपंथी वहां पर सैन्य शासन चाहते हैं। वह उन लोगों के खिलाफ सैन्य सरकार चाहते हैं जिन्होंने अल-बशर में सड़कों पर प्रदर्शन किया था।

अमेरिका और यूरोपीय संघ ने जताई चिंता

यूरोपीय संघ ने अमेरिका के साथ मिलकर सूडान में हुए तख्तापलट पर चिंता जताई है। यूरोपीय संघ के विदेश मामलों के प्रमुख जोसेफ बोरेल ने ट्वीट करके कहा कि उत्तर पूर्वी अफ्रीकी देश मौजूदा हालात से बेहद चिंतित है। वहीं, अफ्रीका में अमेरिकी में दूत जेफरी फेल्टमैन ने कहा कि सरकार के स्वरूप में कोई भी बदलाव होने पर वह नजर रखेंगे।

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