कोविड-19 ने कालेज के छात्रों में मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को किया प्रभावित: अध्ययन

महामारी के संकट ने सब कुछ बदल दिया है। वहीं हाल ही में किए गए एक शोध के अनुसार टीकाकरण अभियान की शुरुआत और सामाजिक दूरी करने के तरीके में ढील देने के बाद भी कॉलेज के छात्रों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में गिरावट दर्ज की गई है।

By Ashisha RajputEdited By: Publish:Sat, 04 Dec 2021 04:42 PM (IST) Updated:Sat, 04 Dec 2021 05:05 PM (IST)
कोविड-19 ने कालेज  के छात्रों में मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को किया प्रभावित: अध्ययन
कोविड-19 ने कॉलेज के छात्रों में मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को किया प्रभावित: अध्ययन

वाशिंगटन, एएनआइ। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया है। कोरोना वायरस ने लोगों के अपनों को दूर तो सपनों को तोड़ कर रख दिया है। महामारी के संकट ने सब कुछ बदल दिया है। वहीं हाल ही में किए गए एक शोध के अनुसार, टीकाकरण अभियान की शुरुआत और सामाजिक दूरी करने के तरीके में ढील देने के बाद भी कालेज के छात्रों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में गिरावट दर्ज की गई है।

शोधकर्ताओं ने वसंत (spring) 2021 में कॉलेज के छात्रों में शारीरिक और भावनात्मक स्वास्थ्य दोनों में भारी गिरावट पाई है। छात्रों के अपने दैनिक कदमों की संख्या में 35 फीसद की कमी आई है और 36 फीसद डिप्रेशन के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। आपको बता दें कि यह सर्वेक्षण (survey) कुल छात्रों में से केवल आधी संख्या में ही किया गया है।

कब और किन कॉलेजों के छात्रों का हुआ सर्वे

पिट्सबर्ग विश्वविद्यालय और कार्नेगी विश्वविद्यालय के साथ-साथ कैलिफ़ोर्निया विश्वविद्यालय सैन डिएगो और स्वीडन गाथेनबर्ग विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने वसंत 2019 से 2021 तक के कॉलेज के छात्रों के कई समूहों (कुल 1,179) का एक बायोमेट्रिक और सर्वेक्षण डेटा इकट्ठा किया गया, और यह वैज्ञानिक रिपोर्ट 2 दिसंबर को ऑनलाइन माध्यम से प्रकाशित की गई।

श्रम और स्वास्थ्य अर्थशास्त्र के विशेषज्ञ ओसिया गिंटेला ने कहा

श्रम और स्वास्थ्य अर्थशास्त्र के विशेषज्ञ ओसिया गिंटेला और स्कूल ऑफ आर्ट्स एंड साइंस केनेथ पी डिट्रिच में अर्थशास्त्र विभाग में सहायक प्रोफेसर ने कहा, 'हम आश्चर्यचकित थे जब डेटा ने हमें दिखाया कि 2020 के वसंत में जीवनशैली और मानसिक स्वास्थ्य के लिए कुछ शुरुआती व्यवधान वसंत 2021 तक बने रहे, जबकि कोविड-19 के प्रतिबंध हटा दिए गए थे।' यानी कि कोविड-19 में लगे प्रतिबंधों को हटाने के बाद भी छात्रों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में लगातार गिरावट हो रही है।

शोधकर्ताओं ने इस साल की शुरुआत में नेशनल एकेडमी ऑफ साइंस (पीएनएएस) की कार्यवाही में प्रकाशित एक पेपर में बताया कि, महामारी के वसंत 2020 से पहले कॉलेज छात्रों की नींद में बड़े पैमाने पर कमी, शारीरिक गतिविधि सामाजिक संपर्क और यहां तक ​​​​कि कॉलेज छात्रों के बीच स्क्रीन समय भी घट‌ गया है।

मानसिक स्वास्थ्य के लिए प्राथमिक उपाय सेंटर फॉर एपिडेमियोलॉजिकल डिप्रेशन स्केल का उपयोग करते हुए शोधकर्ताओं ने वसंत 2020 से वसंत 2021 तक अवसाद के लक्षणों में भारी वृद्धि दर्ज की है, जबकि 2020 में महामारी की शुरुआत में छात्रों के डिप्रेशन के स्कोर में 50 फीसद की वृद्धि हुई थी।

डिट्रिच कॉलेज ऑफ़ ह्यूमैनिटीज एंड सोशल साइंस में सामाजिक और निर्णय विज्ञान विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर कार्नेगी मिलन ने कहा, 'महामारी में यह लंबे समय तक चलने वाला प्रभाव चिंताजनक है। क्योंकि जीवन शैली और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार नहीं हुआ है जबकि महामारी कम होने लगी है। इसलिए गतिहीन आदतों को कम करने और भलाई में सुधार करने के लिए हस्तक्षेप विकसित करना ज्यादा जरूरी होगा' 

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