मेक्सिको के रिनोसा में गैंगवार के चलते 18 की मौत, सुरक्षा के मद्देनजर सेना की गई तैनात

तमाउलिपास में तैनात सुरक्षा बलों के एक समूह ने बताया कि इलाके में शनिवार को कार सवार व्यक्तियों द्वारा कई गोलीबारी की घटनाओं को अंजाम दिया गया। घटना के बाद शुरुआती बयान में 15 लोगों के मारे जाने की पुष्टी की गई थी।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Publish:Sun, 20 Jun 2021 10:15 PM (IST) Updated:Sun, 20 Jun 2021 10:19 PM (IST)
मेक्सिको के रिनोसा में गैंगवार के चलते 18 की मौत, सुरक्षा के मद्देनजर सेना की गई तैनात
गोलीबारी की इस घटना के बाद इलाके में है तनाव को माहौल

मेक्सिको,रॉयटर्स। मेक्सिको की सड़कों पर आए-दिन खून खराबे की खबरें और मंज़र आम हो गया है। तबाही का मंजर ऐसा है कि सड़क चलते कोई भी सुरक्षित नहीं है। जिनका वारदात से कोई वास्ता नहीं, वो भी मारे जाते हैं। सड़कों पर चलने वाले, प्रवासी, पत्रकार और सरकारी अधिकारी किसी की भी जान सुरक्षित नहीं है। शनिवार को हुई गोलीबारी की एक घटना में 18 लोगों के मारे जाने की खबर है। राज्य सुरक्षा बलों से मिली जानकारी के मुताबिक उत्तरी मेक्सिको के रिनोसा इलाके में कार सवार कुछ लोगों ने ताबड़तोड़ गोलीबारी की, जिसमें 18 लोग मारे गए।

तमाउलिपास में तैनात सुरक्षा बलों के एक समूह ने बताया कि, इलाके में शनिवार को कार सवार व्यक्तियों द्वारा कई गोलीबारी की घटनाओं को अंजाम दिया गया। घटना के बाद शुरुआती बयान में 15 लोगों के मारे जाने की पुष्टी की गई थी। लेकिन बाद में ये आंकड़ा बढ़कर 18 होगया। गोलीबारी की इस घटना के बाद इलाके में तनाव को माहौल है। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए निगरानी के लिए सेना, राज्य पुलिस और नेशनल गार्ड की सैन्य पुलिस को तैनात किया गया था।

घटना के बाद एक व्यक्ति को लिया गया हिरासत में

अधिकारियों के मुताबिक घटना के बाद एक व्यक्ति को हिरासत में लिया गया है। साथ ही तीन ट्रकों को भी पकड़ा गया है। जानकारी के मुताबिक इस इलाके में आए दिन गोलीबारी की घटनाओं को अंजाम दिया जाता है। ड्रग्स का व्यापार करने वाले गिरोह टेक्सास की सीमा से लगे रिनोसा पर नियंत्रण के लिए सालों से आपस में भिड़ रहे हैं। जिसके चलते रिनोसा, मेक्सिको के सबसे हिंसक शहरों में से एक बन गया है।

कांग्रेशनल रिसर्च सर्विस रिपोर्ट के आंकड़े बताते हैं कि साल 2006 से 2015 के बीच 80 हज़ार से ज़्यादा लोग ड्रग्स वॉर में मारे गए है। वहीं पिछले 3-4 वर्षों में हुई मौतों के हिसाब से हताया जा रहा है कि मरने वालों का आंकड़ा करीब सवा लाख है।

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