जानिए स्‍पेन के राजा ने आखिर क्‍यों लिया देश छोड़कर जाने का फैसला, बना बहस का मुद्दा

स्‍पेन के पूर्व राजा फेलिपे के देश छोड़कर जाने के बाद वहां पर सरकार और आम जनता के बीच इस विषय पर बहस छिड़ गई है। ज्‍यादातर का मानना है कि उनका ये फैसला गलत है।

By Kamal VermaEdited By: Publish:Tue, 04 Aug 2020 08:34 PM (IST) Updated:Tue, 04 Aug 2020 08:34 PM (IST)
जानिए स्‍पेन के राजा ने आखिर क्‍यों लिया देश छोड़कर जाने का फैसला, बना बहस का मुद्दा
जानिए स्‍पेन के राजा ने आखिर क्‍यों लिया देश छोड़कर जाने का फैसला, बना बहस का मुद्दा

मे‍डरिड (रॉयटर्स)। मे‍डरिड (रॉयटर्स)। स्पेन के पूर्व राजा और किंग फेलीपे (छठवें) के पिता जुआन कार्लोस के देश छोड़ने के फैसले को लेकर लोगों और राजनेताओं की राय बटी हुई है। इस मुद्दे पर अब बहस छिड़ गई है। स्पेन के नागरिकों की राय इस पर काफी बंटी हुई है कि क्या उनका देश छोड़ कर चले जाना सही है या उन्हें वहीं रहकर न्याय प्रक्रिया का हिस्सा बनना चाहिए था। आपको बता दें कि कार्लोस ने सन 2014 में अपने बेटे के लिए गद्दी छोड़ी थी। इसकी वजह उस वक्‍त उनकी खराब सेहत और उनके ऊपर लगे वित्तीय घोटालों के आरोप थे। अपने देश छोड़ने के फैसले की जानकारी पूर्व राजा ने स्पेन की शाही वेबसाइट पर एक पत्र को जारी कर दी थी। ये पत्र पूर्व राजा ने अपने बेटे वर्तमान राजा फेलीपे छठवें के लिए लिखा है। इस पत्र में उन्‍होंने लिखा है कि देश छोड़ने का फैसला उन्होंने बेहद उसी उत्सुकतावश लिया है। रॉयटर्स के मुताबिक ऐसी खबर है कि पूर्व डोमनिक रिपब्लिक में है। 

मेडरिड में रहने वाले एक व्‍यक्ति ने माना कि पूर्व राजा का ये कदम गलत है। उनका कहना था कि देश में कई पार्टी के कई नेता ऐसे हैं जिन्‍होंने देश का पैसा एक नहीं बल्कि कई बार चुरनाया है, ये सही नहीं है। उन्‍होंने कहा कि ये अन्‍याय है। वहीं एक 28 वर्षीय अन्‍य व्‍यक्ति का कहना था कि वो मानते हैं कि ये आरोपों से भागने जैसा ही है। ये उन्‍हें शोभा नहीं देता है। उनका कहना था कि उन्‍होंने स्‍पेन के बाहर कमीशन लिया लेकिन इस तरह से भागना अशोभनीय है।

माना जा रहा है कि जिस वक्‍त उन्होंने स्पेन की सत्ता अपने बेटे को सौंपी थी तब वो इस बात को भलिभांति समझा गए थे कि यदि वे वित्‍तीय आरोपों के बावजूद भी राजा बने रहे तो स्पेन की राजशाही की प्रतिष्ठा को भारी चोट लग सकती है। उनको लगता था कि इससे देश में राजशाही के भविष्य को लेकर गहरी सामाजिक और राजनीतिक बहस छिड़ने जाने का खतरा भी उन्‍हें सता रहा था। उनके ऊपर पर एक बड़े हाई स्पीड रेल के ठेके में घूस लेने का आरोप है जिसकी जांच के आरोपों की जांच स्पेन और स्विट्जरलैंड के जांचकर्ता संयुक्‍त रूप से कर रहे हैं।

माना ये भी जा रहा है कि देश छोड़कर चले जाने के बावजूद उनकी कानूनी समस्याएं कम नहीं होने वाली है। वहीं दूसरी तरफ इस फैसले की वजह से देश में राजशाही को लेकर बहस तेज हो सकती है। इस बीच स्पेन की सरकार ने कहा है कि वे पूर्व राजा के फैसले का आदर करती है। वहीं सरकार के उप प्रधानमंत्री पाब्लो इग्लेसियस की राय इसके उलट है। उनका कहना है कि इस तरह से देश से बाहर जाने का फैसला लेना एक पूर्व राष्ट्र प्रमुख को शोभा नहीं देता है।

हालांकि पूर्व राजा कार्लोस के वकील खावियेर सांचेज-हुंको ने एक बयान जारी कर कहा है कि देश छोड़ने के बावजूद पूर्व राजा जांच में पूरा सहयोग करेंगे और जांचकर्ताओं के लिए उपलब्ध रहेंगे। रॉयटर्स के मुताबिक एक स्विस अखबार ने मार्च में खबर छापी थी कि कार्लोस ने रेल ठेके के सिलसिले में भूतपूर्व सऊदी अरब किंग से 10 करोड़ डॉलर का घूस ली थी। हालांकि कार्लोस अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इनकार करते आए हैं। अब भी किंग अमेरिटस की उपाधि उन्हीं के पास है। इस उपाधि को वापस नहीं लिया गया है।

आपको बता दें कि वर्ष 1975 में जनरल फ्रांसिस्को फ्रांको की मौत के बाद गद्दी संभालने वाले राजा कार्लोस को स्पेन को तानाशाही से लोकतंत्र के रास्ते पर वापस लाने का श्रेय दिया जाता है। घोटालों के आरोप लगने से पहले उनकी गिनती स्पेन के सबसे लोकप्रिय राजाओं में होती थी। लेकिन आरोपों के बाद लोगों की धारणा उनके प्रति काफी बदल गई। उनके अचानक देश छोड़कर चले जाने की घोषणा ने इस आग में घी डालने का काम किया है। गौरतलब है कि वर्तमान में स्‍पेन कोरोना वायरस की महामारी से दो-चार हो रहा है। कुछ माह पहले तक ये दुनिया के सबसे अधिक प्रभावित देशों की सूचि में शामिल था।

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