मोबाइल फोन के जरिए हो सकेगी कोरोना संक्रमण की जांच, वैज्ञानिकों ने इजाद की तकनीक

ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी कालेज लंदन के शोधकर्ताओं ने कोविड-19 के परीक्षण का सटीक सस्ता और सुलभ तरीका ढूंढ निकाला है। इसमें कोरोना संक्रमण के लक्षण वाले लोगों के स्वैब नमूनों की परख मोबाइल फोन के जरिये हो सकती है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 06:15 PM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 06:27 PM (IST)
मोबाइल फोन के जरिए हो सकेगी कोरोना संक्रमण की जांच, वैज्ञानिकों ने इजाद की तकनीक
कोरोना की जांच प्रक्रिया में तेजी लाने के साथ ही नए विकल्पों पर भी निरंतर शोध किए जा रहे हैं।

लंदन, आइएएनएस। कोरोना वायरस (कोविड-19) की जांच प्रक्रिया में तेजी लाने के साथ ही नए विकल्पों पर भी निरंतर शोध किए जा रहे हैं। इसी कवायद में ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी कालेज लंदन के शोधकर्ताओं ने कोविड-19 के परीक्षण का सटीक, सस्ता और सुलभ तरीका ढूंढ निकाला है। इसमें कोरोना संक्रमण के लक्षण वाले लोगों के स्वैब नमूनों की परख मोबाइल फोन के जरिये हो सकती है।

शोधकर्ताओं के अनुसार, स्मार्टफोन की स्क्रीन के जरिये स्वैब नमूने जुटाए गए और इनका विश्लेषण किया गया। इस तरीके से वे सभी लोग संक्रमित पाए गए, जिनको सामान्य पीसीआर टेस्ट में पॉजिटिव पाया गया था। इस प्रकिया में स्वैब नमूने सीधे लोगों से एकत्र करने की जगह स्मार्टफोन का सहारा लिया गया। इस नई विधि को फोन स्क्रीन टेस्टिंग (पीओएसटी) कहा जाता है।

81 से 100 लोगों के मोबाइल फोन से कोरोना से संक्रमित लोगों की पहचान की गई है। इनमें बीमारी के लक्षण स्पष्ट तौर पर पाए गए। शोधकर्ताओं ने बताया कि पीओएसटी टेस्ट पंरपरागत पीसीआर टेस्ट के मुकाबले कम महंगा और सुरक्षित है। यह परीक्षण गरीब देशों के लिए बेहतरीन विकल्प है, क्योंकि इसमें अत्यधिक संसाधनों की आवश्यकता नहीं है।

फोन स्क्रीन टेस्टिंग (पीओएसटी) के नमूने लेने में एक मिनट से भी कम का समय लगता है और इसके लिए किसी चिकित्सा विशेषज्ञ की भी आवश्यकता नहीं है। चिली के एक स्टार्टअप डायग्नोसिस बायोटेक के शोधकर्ताओं ने बताया कि संक्रमण की रोकथाम के लिए नियमित परीक्षण जरूरी है, लेकिन गरीब देशों में ऐसा हो पाना कठिन है। ऐसे में यह विधि उनके लिए कारगर होगी।  

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