सैटेलाइट से दिखी इमेज, Kim Jong-Un कर रहा नई बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्च करने की तैयारी

नॉर्थ कोरिया एक बार फिर से नई बैलेस्टिक मिसाइल के परीक्षण करने की तैयारी कर रहा है। सैटेलाइट इमेज के जरिये एजेंसियों ने इसकी पुष्टि की है।

By Vinay TiwariEdited By: Publish:Sun, 31 May 2020 05:53 PM (IST) Updated:Sun, 31 May 2020 06:01 PM (IST)
सैटेलाइट से दिखी इमेज, Kim Jong-Un कर रहा नई बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्च करने की तैयारी
सैटेलाइट से दिखी इमेज, Kim Jong-Un कर रहा नई बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्च करने की तैयारी

प्योंगयांग। नॉर्थ कोरिया का तानाशाह किम जोंग उन परमाणु मिसाइलों से लैस पनडुब्बी लॉन्च करने की तैयारी कर रहा है। नॉर्थ कोरिया ने ऐसी तैयारी की है इस बात को इससे और भी बल मिल रहा है कि बीते 27 मई को प्लैनेट लैब्स द्वारा जारी सिनपो साउथ शिपयार्ड की उपग्रह इमेजरी ने ऐसी एक बड़ी वस्तु की तस्वीर भी जारी की है। इससे इस बात को और बल मिल रहा है कि नॉर्थ कोरिया इसी तैयारी में लगा हुआ है। कुछ दिन पहले सेना के अधिकारियों के साथ हुई बैठक में भी ऐसे संकेत मिले थे। 

फिलहाल सेना के अड्डे पर एक बड़ी वस्तु के पहुंचने का क्या उद्देश्य है ये अभी स्पष्ट नहीं हो सका है। 38 नॉर्थ वेबसाइट के लिए विश्लेषक जैक लियू और पीटर मैकोवस्की ने अपनी एक पोस्ट के माध्यम से इस चीज को लिखा भी है और बड़ी वस्तु को चिन्हित किया है। इसके बाद से दुनिया के बाकी देश हैरान है।

उन्होंने कहा कि हालिया रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि दक्षिण कोरियाई खुफिया नॉर्थ कोरिया के सिनपो साउथ शिपयार्ड में गतिविधियों की निगरानी कर रहा है। ऐसे पूरे संकेत मिल रहे हैं कि नॉर्थ कोरिया एक नई बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी लॉन्च करने की तैयारी में लगा हुआ है। व्यावसायिक उपग्रह इमेजरी ने इस तरह के किसी निर्माण और फिनिशिंग या उनके संबंधित भागों में कोई उल्लेखनीय गतिविधि नहीं देखी है, जबकि बेसिन में दिखाई पड़ता है कि वहां पनडुब्बी का बर्थ है। खुफिया एजेंसियां लगातार इस पर नजर रखे हुए हैं। 

उपग्रह से ये भी देखा जाता है कि एक लंबी सी कोई वस्तु है, इसकी लंबाई लगभग 16 मीटर है। यहां पर इसके होने के उद्देश्य का पता नहीं चल पाता है। इसके आसपास किसी तरह के उपकरण नहीं दिखाई देते हैं। इस चित्र को देखने के बाद तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। ये भी कहा जा रहा है कि बीते दिनों जब किम जोंग उन लोगों के सामने नहीं आ रहा था तो कहीं वो इस तरह से मिसाइलों के परीक्षण पर करीब से निगरानी तो नहीं कर रहा था। अब वो उसका परीक्षण करने की तैयारी कर रहा हो। 

यदि ऐसा होता है तो यह राज्य समाचार एजेंसी KCNA की ओर से बीते रविवार को प्रकाशित एक रिपोर्ट सही साबित होगी, जिसमें बताया गया था कि किम जोंग उन ने एक बैठक की अध्यक्षता की थी, इस बैठक का उद्देश्य देश के "परमाणु युद्ध " को बढ़ाना था। KNCA ने कहा कि ऐसा कोरियाई पीपुल्स आर्मी के तोपखाने की क्षमता को बढ़ाने के लिए किया जा रहा है। इस बैठक में सेना को हाइ एलर्ट पर रहने के लिए कहा गया था जिससे इस तरह के मिसाइलों आदि का कम समय में ही परीक्षण किया जा सके। इससे पहले भी किम जोंग उन कह चुके हैं कि वो कम से कम समय में दुनिया पर परमाणु हमला करने की क्षमता रखते हैं। 

हालांकि किम जोंग उन के साथ सेना के अधिकारियों की ये मीटिंग किस जगह पर हुई थी, उसकी डेट के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई थी मगर ये कहा गया था कि ये मीटिंग नॉर्थ कोरिया की सेना के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण थी। साथ ही ये भी कहा गया कि यदि ये मीटिंग इसी माह हुई है तो इसका मतलब ये है कि किम जोंग उन ने जिस उर्वरक फैक्ट्री का रिबन काटकर उद्घाटन किया था उसका कहीं न कहीं परमाणु बम से संबंध जरूर है।

किम की ये उपस्थिति भी अपने आप में उल्लेखनीय थी, क्योंकि उससे पहले ऐसी अफवाह उड़ाई गई थी कि किम की मौत हो गई है। उसे कई दिनों से आम जनता के बीच देखा नहीं जा रहा था। मगर जब वो 1 मई को इस उर्वरक कारखाने के उद्घाटन के मौके पर सामने आए तो सभी को हैरत हुई थी। एक बात ये भी कही जा रही थी कि जो शख्स उर्वरक कारखाने के उद्घाटन के मौके पर सभी के सामने आया था वो किम नहीं, बल्कि उनका हमशक्ल था। मगर इसके सत्यापन का कोई तरीका नहीं था। 

उधर इस महीने की शुरुआत में प्रकाशित एक विश्लेषण में, क्रिस्टीना वैरिले, लंदन स्थित रॉयल यूनाइटेड सर्विसेज इंस्टीट्यूट (आरयूएसआई) में प्रसार और परमाणु नीति समूह में एक रिसर्च फेलो ने सुझाव दिया कि उत्तर कोरिया संयुक्त राज्य अमेरिका और राष्ट्रपति के साथ दो पक्षीय वार्ता पर जानबूझकर रोक सकता है। डोनाल्ड ट्रम्प का उद्देश्य रणनीतिक कारणों से कोरियाई प्रायद्वीप को बदनाम करना है।

उन्होंने कहा कि उत्तर कोरिया ने अपने लिए कुछ नई चीजें करने की तैयारी की है। वो उन चीजों को प्रदर्शित करना चाह रहा है, इसके लिए उसको समय की जरूरत थी, वो समय ले रहा है। मगर इस बीच वो अपने हथियारों की टेस्टिंग करने के काम को भी नहीं रोक रहा है। ऐसा लगता है कि जब तक दूसरे देश नॉर्थ कोरिया पर इस तरह के टेस्टों को रोकने के लिए और अधिक दबाव बनाए तब तक वो उस काम को पूरा कर लें।

अब जो रणनीति बनाई जाएगी उससे उत्तर कोरिया पर काफी करीब से नजर रखी जा सकेगी क्योंकि अब तक नॉर्थ कोरिया के बारे में बहुत कुछ जानना आसान नहीं रह गया है। प्योंगयांग अपनी परमाणु और मिसाइल क्षमताओं को बढ़ाता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में, हमारे पास एक पर्याप्त विश्लेषण प्रदान करने के लिए नॉर्थ कोरिया का पर्याप्त डेटा ही नहीं है। अमेरिका नॉर्थ कोरिया से पहले ही अपने परमाणु कार्यक्रमों को रोकने के लिए कह चुका है मगर किम ने बात नहीं सुनी। इस वजह से अमेरिका ने उस पर कुछ प्रतिबंध भी लगा रखे हैं मगर इसके बाद भी वो अपना परमाणु कार्यक्रम जारी रखे हुए हैं। 

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