महामारी की दूसरी लहर के कारण भारतीय हेल्थकेयर सिस्टम पर जोखिम : फिच सॉल्यूशंस

फिच के अनुसार इससे यहां के हेल्थकेयर सेक्टर में निवेश बढ़ाने की आवश्यकता है। इसने शुक्रवार को बताया लगातार मेडिकल फंडिंग व हेल्थकेयर इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी से पता चलता है कि महामारी के कारण हालात और बदतर होंगे यदि इसे उचित तरीके से खत्म नहीं किया गया।

By Monika MinalEdited By: Publish:Fri, 16 Apr 2021 12:13 PM (IST) Updated:Fri, 16 Apr 2021 12:13 PM (IST)
महामारी की दूसरी लहर के कारण भारतीय हेल्थकेयर सिस्टम पर जोखिम : फिच सॉल्यूशंस
महामारी की दूसरी लहर में चरमराई भारतीय हेल्थकेयर सिस्टम

सिंगापुर, एएनआइ। भारत में दोबारा कोविड-19 महामारी की लहर ने देश की स्वस्थ्य व्यवस्था की कमर तोड़ दी है।  रेटिंग एजेंसी फिच के अनुसार कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण भारत का हेल्थकेयर सिस्टम जोखिम में है। फिच सॉल्यूशंस का कहना है कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए अनेकों कदम उठाने के बावजूद भारत महामारी को फैलने से रोकने में असफल है।

फिच के अनुसार, इससे यहां के हेल्थकेयर सेक्टर में निवेश बढ़ाने की आवश्यकता है। इसने शुक्रवार को बताया, 'लगातार मेडिकल फंडिंग व हेल्थकेयर इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी से पता चलता है कि महामारी के कारण हालात और बदतर होंगे यदि इसे उचित तरीके से खत्म नहीं किया गया।' प्रत्येक 10,000 जनसंख्या पर 8.5 अस्पताल बेड और 10,000 मरीजों पर 8 फिजिशियन हैं, इससे पता चलता है कि हेल्थकेयर सेक्टर इस आपदा से जूझने के लिए पर्याप्त तौर पर तैयार नहीं है। 

पंजाब और कर्नाटक के साथ महाराष्ट्र, दिल्ली, चेन्नई में महामारी के काफी अधिक मामले आए हैं और यहां हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर और वेंटिलेटर व ऑक्सीजन जैसे उपकरणों की कमी पड़ गई है।  एक समीक्षा बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि हेल्थकेयर इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार के साथ तमाम अस्पतालों में  ऑक्सीजन की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता, वेंटिलेटर व क्लिनिकल मैनेजमेंट प्रोटोकॉल को सुनिश्चित कर मृत्यु दर पर नियंत्रण पाया जा सकता है। महामारी के कारण देश में फैली अव्यवस्था पर चिंता जाहिर करते हुए फिच ने कहा कि राज्यों में हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को सुधारने की कोशिश की जा रही है ताकि बढ़ते संक्रमित मरीजों का इलाज किया जा सके। 

हाल में ही  फिच ने कहा था कि संक्रमण की दर में वृद्धि और लॉकडाउन जैसे प्रतिबंधों के व्यापक होने से चालू वित्त वर्ष में उसका 12.8 प्रतिशत की वृद्धि का पूर्वानुमान भी घट सकता है। फिच रेटिंग ने एक बयान में कहा कि कोरोनावायरस संक्रमण की दूसरी लहर के बीच भारत के गैर-बैंक वित्तीय संस्थान नए सिरे से परिसंपत्ति की गुणवत्ता और नकदी जोखिम का सामना कर सकते हैं। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि कोविड संक्रमण का प्रमुख केंद्र महाराष्ट्र है, जो राष्ट्रीय सकल घरेलू उत्पाद में 13-14 प्रतिशत का योगदान करता है।

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