Bangladesh: कट्टरपंथियों का निशाना बने अल्‍पसंख्‍यक हिंदू, सरकार ने कहा सुनियोजित, जानें क्‍या है पूरा मामला

वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक बांग्लादेश की 14.9 करोड़ की आबादी में करीब 8.5 फीसद हिंदू हैं। कोमिला जिला समेत बांग्‍लादेश के कई और जिलों में हिंदू समुदाय के लोगों की बड़ी आबादी है। कोमिला में दशकों से हिंदू और मुसलमान आपसी सद्भाव के साथ रहते आए हैं।

By Ramesh MishraEdited By: Publish:Mon, 18 Oct 2021 07:28 PM (IST) Updated:Mon, 18 Oct 2021 11:05 PM (IST)
Bangladesh: कट्टरपंथियों का निशाना बने अल्‍पसंख्‍यक हिंदू, सरकार ने कहा सुनियोजित, जानें क्‍या है पूरा मामला
कट्टरपंथियों का निशाना बने अल्‍पसंख्‍यक हिंदू, सरकार ने कहा सुनियोजित।

ढाका, एजेंसी। बांग्लादेश में गत दिनों दुर्गा पूजा पंडालों पर हुए हमलों को सरकार ने पूर्व नियोजित करार दिया है। गृह मंत्री असदुज्जमां खान ने इन हमलों को बांग्लादेश के धार्मिक सौहार्द को खराब करने का षड्यंत्र बताया है। भले ही बांग्‍लादेश सरकार ने इसे पूर्व नियोजित कहकर अपना पल्‍ला झाड़ लिया हो, लेकिन क्‍या सच में यह मामला शांत हो गया है। बांग्‍लादेश में अल्‍पसंख्‍यक हिंदूओं की कितनी तादाद है। क्‍या बांग्‍लादेश में अल्‍पसंख्‍य हिंदू सुरक्षित हैं। हिंदू-मुस्लिम को लेकर बांग्‍लादेश का भारत के प्रति क्‍या दृष्टिकोण है।

आखिर पंडाल में कुरान कैसे पहुंची

रिपोर्टों के मुताबिक सोशल मीडिया के एक पोस्ट में आरोप लगाया गया था कि एक पूजा पंडाल में कुरान रखकर उसका अपमान किया गया है। इसके बाद चांदपुर के हबीबगंज, चटगांव के बांसखाली, काक्स बाजार के पेकुआ और शिवगंज के चापाई नवाबगंज समेत कई इलाकों में हिंसा भड़क उठी और पंडालों में तोड़फोड़ की गई। कोमिला महानगर पूजा उद्यापन समिति के महासचिव शिव प्रसाद दत्त ने कुरान के कथित अपमान की बात को निराधार बताते हुए कहा है कि किसी ने जानबूझ कर हिंसा भड़काने के लिए ही मामुआ दीघीर पार में बने पूजा पंडाल में चुपके से कुरान की एक प्रति रख दी थी। उस समय पंडाल में कोई नहीं था।

बांग्लादेश की 14.9 करोड़ की आबादी में करीब 8.5 फीसद हिंदू

वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक बांग्लादेश की 14.9 करोड़ की आबादी में करीब 8.5 फीसद हिंदू हैं। कोमिला जिला समेत बांग्‍लादेश के कई और जिलों में हिंदू समुदाय के लोगों की बड़ी आबादी है। कोमिला के जिस इलाके में यह घटना हुई, वहां दशकों से हिंदू और मुसलमान आपसी सद्भाव के साथ रहते आए हैं। मुस्लिम तबके के लोग भी दुर्गा पूजा के दौरान पंडालों में जाते हैं। इसी वजह से यहां रात को पूजा पंडालों में कोई पहरा नहीं होता है।

मंत्री ने कहा कि सांप्रदायिक सौहार्द को बर्बाद करने की कोशिश

ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, मंत्री का यह बयान बुधवार को हमलों के मामले में सैकड़ों ज्ञात व अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किए जाने के बाद आया है। मंत्री ने कहा, 'ईशनिंदा संबंधी अफवाह और उसके बाद कोमिला में हिंदुओं पर हमला सोची-समझी साजिश थी। इसके जरिये बांग्लादेश के सांप्रदायिक सौहार्द को बर्बाद करने की कोशिश की गई, न सिर्फ कोमिला, बल्कि इससे पहले रामू व नासिरनगर में भी हिंसा भड़काकर सौहार्द को खराब करने का प्रयास किया गया। हमारे सुरक्षा बल धैर्य के साथ लगे हुए हैं। सांप्रदायिक सौहार्द को खराब करने की कोशिश करने वाले लोग कभी कामयाब नहीं होंगे।'

अल्पसंख्यक हिंदुओं के 60 से ज्यादा घरों को आग के हवाले किया

बांग्लादेश में दुर्गा पूजा के दौरान ईशनिंदा की अफवाहों के बाद शुरू हुआ अल्पसंख्यकों पर अत्याचार थमने का नाम नहीं ले रहा है। रंगपुर जिले के पीरगंज उपजिले में रविवार की रात अल्पसंख्यक हिंदुओं के 60 से ज्यादा घरों को आग के हवाले कर दिया गया। इस हमले में कम से कम 20 घर पूरी तरह खाक हो गए। स्थानीय यूनियन परिषद के चेयरमैन के अनुसार, कम से कम 65 घरों में आग लगा दी गई थी। इस दौरान कई अल्पसंख्यक मारे गए और दर्जनों घायल हो गए। कई जगहों पर पूजा पंडालों व मंदिरों में हमले और आगजनी की वारदातों को अंजाम दिया गया।

इस्कान ने अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का किया आग्रह

बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय पर हो रहे लगातार हमलों की निंदा करते हुए इस्कान ने प्रधानमंत्री शेख हसीना से सख्त कार्रवाई करके इन पर अंकुश लगाने, अल्पसंख्यकों की सुरक्षा करने और हमलावरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। अमेरिका के मैरीलैंड में इस्कान की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि अल्पसंख्यक हिंदूओं और इस्कान मंदिर पर हुए हमलों से संगठन स्तब्ध है।

नागरिकता संशोधन कानून पर उभरे मतभेद

गौरतलब है कि वर्ष 1971 में बांग्लादेश को आजादी मिली थी। इसमें भारतीय सेना की अहम भूमिका थी। उस समय बांग्लादेश में पाकिस्तान की सेना ने भारतीय सेना के जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के सामने आत्मसमर्पण किया था। उसके बाद ही बांग्लादेश अस्तित्व में आया था। तब से भारत और बांग्‍लादेश के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध हैं। हालांकि, वर्ष 2019 में बांग्लादेश और भारत के बीच संबंधों में तल्‍खी तब देखने को मिली जब केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून पारित किया था। हसीना ने कई महीनों तक वहां मौजूद भारत के उच्चायुक्त से भी मुलाकात करने से इन्‍कार कर दिया था।

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