Nepal Protest News: प्रधानमंत्री आवास के बाहर विरोध प्रदर्शन, वाटर कैनन का इस्तेमाल कर पुलिस ने कई को किया गिरफ्तार
Nepal Protest News प्रधानमंत्री आवास के पास प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को वाटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा। ये सभी प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के आवास के बाह इकठ्ठा होकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।
काठमांडू, एएनआइ। नेपाल में सियासी घमासान के बीच वहां विद्रोह का माहोल है। प्रधानमंत्री आवास के पास प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को वाटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा। ह्यूमन राइट्स और पीस सोसायटी के सदस्य प्रदर्शनकारी में शामिल हुए। ये सभी प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के आवास के बाहर इकठ्ठा होकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।
#WATCH | Nepal: Police use water cannons to disperse protesters as they gather in the restricted zone near Prime Minister's residence in Kathmandu. pic.twitter.com/ytlFz2J1Uz— ANI (@ANI) January 25, 2021
ह्यूमन राइट्स और पीस सोसायटी के सदस्यों को प्रधानमंत्री निवास के पास से गिरफ्तार भी किया गया। ये सभी प्रदर्शनकारी प्रतिबंधित क्षेत्र की ओर बढ़ने की कोशिश कर रहे थे। पुलिस ने चेतावनी देते हुए कहा कि यह एक प्रतिबंधित क्षेत्र है। यहां किसी विरोध प्रदर्शन की अनुमति नहीं है। इस दौरान ह्यूमन राइट्स और पीस सोसायटी के कार्यकर्ताओं ने सरकार विरोधी नारे लगाने की कोशिश भी की।
थोड़ी देर की हाथापाई के बाद पुलिस ने एक वैन में सवार दो दर्जन से अधिक कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर नेपाल पुलिस क्लब में भेज दिया।
विरोध प्रदर्शन के दौरान ह्यूमन राइट्स और पीस सोसायटी के कार्यकर्ताओं ने संसद को भंग करने और अदालती मामलों में मध्यस्थता करने के लिए ओली के कदम के खिलाफ नारे लगाए। उन्होंने एक वरिष्ठ वकील के खिलाफ ओली की टिप्पणी का भी विरोध किया जिन्होंने उसके खिलाफ बात की थी।
केपी शर्मा ओली को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से किया गया बर्खास्त
बता दें कि नेपाल की राजनीति में कई दिनों से जारी उथल-पुथल के बीच रविवार को प्रचंड धड़े ने प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से बर्खास्त कर दिया था। नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के शीर्ष नेताओं पुष्प कमल दहल प्रचंड और प्रधानमंत्री ओली के बीच हाल के दिनों में कई मुद्दों पर मतभेद रहे हैं। दो दिन पहले ही प्रचंड धड़े ने काठमांडू में एक बड़ी सरकार विरोधी रैली की थी। रैली को संबोधित करते हुए प्रचंड ने संसद भंग करने को असंवैधानिक करार दिया था।