म्यांमार में तमंचे और बम लेकर सुरक्षा बलों से भिड़े प्रदर्शनकारी, सेना की कार्रवाई में 11 लोगों की मौत

म्यांमार में तख्तापलट के खिलाफ विरोध-प्रदर्शनों का दौर थमता नहीं दिखाई दे रहा है। गुरुवार को देश के उत्तर-पश्चिम में स्थित एक शहर में सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हो गई। इसके बाद सेना की कार्रवाई में 11 प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Thu, 08 Apr 2021 07:59 PM (IST) Updated:Fri, 09 Apr 2021 12:04 AM (IST)
म्यांमार में तमंचे और बम लेकर सुरक्षा बलों से भिड़े प्रदर्शनकारी, सेना की कार्रवाई में 11 लोगों की मौत
म्यांमार में तख्तापलट के खिलाफ विरोध-प्रदर्शनों का दौर थमता नहीं दिखाई दे रहा है।

नेपिता, एजेसियां। म्यांमार में तख्तापलट के खिलाफ विरोध-प्रदर्शनों का दौर थमता नहीं दिखाई दे रहा है। गुरुवार को देश के उत्तर-पश्चिम में स्थित एक शहर में सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हो गई। आंदोलनकारियों को तितर-बितर करने के लिए सेना ने फायरिंग की तो प्रदर्शन में शामिल युवाओं ने तमंचे और बमों से उन पर हमला कर दिया। सेना की कार्रवाई में 11 प्रदर्शनकारियों की मौत हुई है। उधर, आंदोलन में जान गंवाने वालों की याद में यंगून में प्रदर्शनकारियों ने सड़क पर जूते में फूल रखकर प्रदर्शन किया।

आपसी संघर्ष की शुरुआत

ताजे में जब गुरुवार सुबह प्रदर्शन शुरू हुआ तो छह ट्रक सुरक्षा बल मौके पर भेजे गए थे। हालांकि जैसे ही सुरक्षा बलों ने बल प्रयोग किया तो आंदोलनकारियों ने भी तमंचे और बम से उन पर हमला कर दिया। सुरक्षा बलों को कमजोर पड़ते देख पांच ट्रक सुरक्षा बल और मौके पर भेजे गए।

11 प्रदर्शनकारियों की मौत

सुरक्षा बलों द्वारा की गई फायरिंग में 11 प्रदर्शनकारियों की जहां मौत हुई है वहीं 20 लोग घायल हुए हैं। सुरक्षा बलों को चोट आने की कोई सूचना नहीं है। एक फरवरी को हुए तख्तापलट के बाद से अब तक सुरक्षा बलों की कार्रवाई 600 से अधिक लोग मारे गए हैं। असिस्टेंट एसोसिएशन फॉर पॉलिटिकल प्रिजनर्स (एएपीपी) के मुताबिक बुधवार शाम तक सुरक्षा बलों की कार्रवाई में 598 लोगों की मौत हो चुकी थी।

अपदस्थ राजदूत बोले, सेना के व्यक्ति को मान्यता नहीं दे ब्रिटेन

ब्रिटेन में म्यांमार के अपदस्थ राजदूत क्यॉ ज्वार मिन ने गुरुवार को ब्रिटिश सरकार से सेना द्वारा भेजे गए राजदूत को मान्यता नहीं देने का आग्रह किया। साथ ही उन्होंने दूतावास का कामकाज संभालने वाले चिट विन को तुरंत म्यांमार भेजने की अपील की। उनकी इस अपील का ब्रिटिश सरकार ने कोई जवाब तो नहीं दिया है, लेकिन विदेश मंत्री डॉमिनिक राब ने मिन के साहस की प्रशंसा की। साथ ही उन्होंने म्यांमार में लोकतंत्र बहाली की मांग को एक फिर दोहराया है। बता दें कि मिन को हटाए जाने के बाद पत्र के माध्यम से म्यांमार ने उप राजदूत चिट विन को दूतावास का प्रभार देने की जानकारी विदेश मंत्रालय को दी थी।

राजदूत बोले, सहकर्मियों ने कार्यालय में प्रवेश नहीं करने दिया

ब्रिटेन में म्यांमार के अपदस्थ राजदूत क्यॉ ज्वार मिन ने दावा किया है कि उनके सहकर्मियों ने उन्हें लंदन स्थित कार्यालय में प्रवेश नहीं करने दिया। ब्रिटेन के विदेश मंत्री डॉमिनिक रॉब ने गुरुवार को हुई इस घटना की निंदा करते हुए इसे म्यांमार के सैन्य शासन की तंग करने वाली कार्रवाई करार दिया। यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि कि ब्रिटेन इस मामले में कोई कदम उठाता है या नहीं। बता दें कि राजदूत मिन ने पिछले महीने म्यांमार की लोकतंत्र समर्थक नेता आंग सान सू की रिहाई की अपील की थी। 

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