कोविड-19 प्रतिबंधों के खिलाप पेरिस में प्रदर्शन, हिंसक भीड़ की पुलिस के साथ भिड़ंत

फ्रांस की राजधानी पेरिस में कोरोना के कारण लगे प्रतिबंध और टीकाकरण के खिलाफ लोगों ने सड़को पर उतरकर नारेबाजी की इस दौरान पुलिस के साथ झड़प की खबरें भी सामने आई हैं। पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोलों का भी इस्तेमाल किया।

By Amit KumarEdited By: Publish:Sat, 24 Jul 2021 10:45 PM (IST) Updated:Sat, 24 Jul 2021 10:45 PM (IST)
कोविड-19 प्रतिबंधों के खिलाप पेरिस में प्रदर्शन, हिंसक भीड़ की पुलिस के साथ भिड़ंत
Protesters against covid restrictions clash with police paris

पेरिस, रॉयटर्स: विश्व के अधिकतर देशों में कोविड-19 संक्रमण को काबू में करने के लिए लॉकडाउन और आंशिक प्रतिबंधों का सहारा लिया जा रहा है। पिछले साल मार्च में शुरू हुई महामारी के बाद से ही लोग डर से साए में है, साथ ही प्रतिबंधों के बीच किसी तरफ अपना जीवनयापन कर रहे हैं, लेकिन अब लोगों ने प्रतिबंधों का विरोध करने का मन बनाया है।

शनिवार को आस्ट्रेलिया में संक्रमण में बढ़ोतरी के बाद लगाए गए लॉकडाउन विरोध में भारी प्रदर्शन देखा गया। तो वहीं, यूरोपीय देश फ्रांस की राजधानी पेरिस में भी कोरोना के कारण लगे प्रतिबंध और टीकाकरण के खिलाफ लोगों ने सड़को पर उतरकर नारेबाजी की, इस दौरान पुलिस के साथ झड़प की खबरें भी सामने आई हैं। पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोलों का भी इस्तेमाल किया।

मीडिया द्वारा जारी की गई तस्वीरों में पुलिस को भीड़ के साथ संघर्ष करते साफ देखा जा सकता है। शहर के गारे सेंट-लजारे रेलवे स्टेशन के पास प्रदर्शनकारियों को पीछे करने में पुलिस को खासी मशक्त करनी पड़ी। इस दौरान आक्रामक भीड़ ने पुलिस पर भी हमला किया। साथ ही बताया जा रहा है की, फ्रांस के अन्य शहरों में भी प्रदर्शनों की योजना बनाई गई थी। जिसमें मार्सिले, मोंटपेलियर, नैनटेस और टूलूज़ शामिल हैं। वहीं देश के सांसदों को इस सप्ताह के अंत तक, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के लिए स्वास्थ्य पास और अनिवार्य टीकाकरण को लेकर सरकार द्वारा तैयार किए गए बिल को लेकर मतदान करना है।

गौरतलब है कि, बीते दिनों पेरिस में कई पर्यटन स्थलों को फिर से खोल दिया गया था, लेकिन वहां जाने के लिए टीकाकरण को अनिवार्य किया गया है। साथ ही देश में स्वास्थ्यकर्मियों के लिए अनिवार्य टीकाकरण को भी जोर दिया जा रहा है। जिसे कुछ लोगों नें उनकी स्वतंत्रता का हनन बताया है।

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