सरकार के विरोध में एनसीपी के प्रचंड धड़े ने किया बड़ा प्रदर्शन

प्रचंड ने ओली पर नेपाल के संविधान को कमजोर करने का लगाया आरोप। कहा संसद को भंग किए जाने से देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को खतरा। एक और पूर्व प्रधानमंत्री माधव कुमार नेपाल ने कहा कि संविधान ने प्रधानमंत्री को संसद भंग करने का अधिकार नहीं दिया है।

By Nitin AroraEdited By: Publish:Sat, 23 Jan 2021 09:01 AM (IST) Updated:Sat, 23 Jan 2021 09:01 AM (IST)
सरकार के विरोध में एनसीपी के प्रचंड धड़े ने किया बड़ा प्रदर्शन
सरकार के विरोध में एनसीपी के प्रचंड धड़े ने किया बड़ा प्रदर्शन

काठमांडू, प्रेट्र। नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) के प्रचंड धड़े ने शुक्रवार को काठमांडू में सरकार के विरोध में बड़ी रैली का आयोजन किया। रैली को संबोधित करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने कहा कि प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली द्वारा असंवैधानिक तरीके से संसद को भंग किए जाने के चलते संघीय लोकतांत्रिक व्यवस्था को गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है।

पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि ओली ने न सिर्फ पार्टी के कानून और प्रक्रियाओं का उल्लंघन किया, बल्कि उन्होंने नेपाल के संविधान को भी कमजोर किया। वे देश की लोकतांत्रिक प्रणाली के खिलाफ खड़े हो गए। यही कारण है कि लोग उनके इस कदम का विरोध कर रहे हैं। प्रचंड ने कहा, हमने उन्हें सही करने और पटरी पर वापस लाने का प्रयास किया, लेकिन हम इसमें नाकाम रहे। उन्होंने आरोप लगाया कि ओली ने महीनों तक चली शांति प्रक्रिया को भी भंग करने का प्रयास किया, जिसके चलते माओवादी मुख्यधारा की राजनीति में आए थे। आज पूरा देश और जनमत संसद को भंग करने के खिलाफ है।

एक और पूर्व प्रधानमंत्री माधव कुमार नेपाल ने कहा कि संविधान ने प्रधानमंत्री को संसद भंग करने का अधिकार नहीं दिया है। इसलिए यह ओली की ओर से संवैधानिक तख्तापलट है और हमें इसका मजबूती से विरोध करना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रचंड धड़ा भविष्य में कभी ओली के साथ कोई गठबंधन नहीं करेगा। माधव नेपाल ने ओली को हिटलर का नेपाली संस्करण करार दिया।

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