पोप फ्रांसिस बोले, लोगों का जीवन बचाना अर्थव्यवस्था बचाने से ज्यादा महत्वपूर्ण

ईसाई धर्मगुरु पोप फ्रांसिस ने कहा है कि लोगों का जीवन बचाना अर्थव्यवस्था बचाने से ज्यादा महत्वपूर्ण है। मौजूदा वक्‍त में बीमार लोगों की मदद करना जरूरी है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Sun, 31 May 2020 06:36 PM (IST) Updated:Sun, 31 May 2020 06:36 PM (IST)
पोप फ्रांसिस बोले, लोगों का जीवन बचाना अर्थव्यवस्था बचाने से ज्यादा महत्वपूर्ण
पोप फ्रांसिस बोले, लोगों का जीवन बचाना अर्थव्यवस्था बचाने से ज्यादा महत्वपूर्ण

वेटिकन सिटी, रायटर। पोप फ्रांसिस ने रविवार को कहा कि अर्थव्यवस्था से अधिक लोगों का जीवन महत्वपूर्ण है। ईसाई धर्मगुरु की यह टिप्पणी उस परिप्रेक्ष्य में आई है कि कोरोना महामारी पर नियंत्रण न पाने के बावजूद अनेक देशों ने अपने देश की अर्थव्यवस्था को खोलना शुरू कर दिया है। सेंटपीटर्स स्क्वॉयर में अपने संदेश में पोप ने कहा, बीमार लोगों की मदद जरूरी है। उनका जीवन बचाना जरूरी है। लोगों का जीवन बचाना अर्थव्यवस्था बचाने से ज्यादा महत्वपूर्ण है।

हालांकि, अपने संबोधन में पोप ने किसी देश का नाम नहीं लिया। कोरोना जैसी महामारी के बीच अनेक देशों ने नौकरियों और लोगों के जीवन संघर्ष को देखते हुए अपनी अर्थव्यवस्था को खोलना शुरू कर दिया है। यद्यपि अभी तक इस महामारी पर पूरी तरह से काबू नहीं पाया जा सका है। पोप के संबोधन के दौरान सेंटपीटर्स स्क्वॉयर में सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद थे। अधिकांश लोग मास्क लगाए हुए थे। एक दूसरे से वे लोग शारीरिक दूरी बनाए हुए थे।

बता दें कि सेंटपीटर्स स्क्वॉयर को गत सोमवार से आम श्रद्धालुओं के लिए खोला गया है। रविवार को आम दिनों में हजारों की संख्या में लोग यहां आते हैं। कोरोना संक्रमण का प्रसार शुरू होने के बाद पोप ने एक मार्च को अपना संदेश दिया था। बता दें कि इटली में कोरोना महामारी ने 33,000 से ज्यादा लोगों की जान ले ली है। लॉकडाउन में धीरे-धीरे छूट दी गई और बुधवार को सारी पाबंदियां हटा ली जाएंगी।

उल्‍लेखनीय है कि पोप फ्रांसिस ने शनिवार को दुनियाभर के राजनेताओं से अपील की थी कि वे हथियारों में खर्च नहीं कर के महामारी को रोकने के लिए अनुसंधान पर धन को खर्च करें। उन्होंने कहा कि राजनेताओं को दूरगामी आर्थिक और सामाजिक समस्याओं के निदान के साथ ही उनको जरूरतमंदों की मदद करनी चाहिए। कोरोना से प्रभावित लोगों के अलावा लगभग 130 लोगों के साथ एक आउटडोर प्रार्थना सभा के दौरान ईसाई धर्मगुरु ने उक्‍त बातें कही।

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