पोप फ्रांसिस ने साधा रूढ़ीवादी आलोचकों पर निशाना, कहा- कुछ लोग चाहते थे कि मैं मर जाऊं

कैथोलिक चर्च के प्रमुख पोप फ्रांसिस ने उनके खिलाफ मुखर होते रूढ़ीवादी आलोचकों पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी ‘भद्दी टिप्पणियां’ शैतान का काम है और उनकी हाल में हुई आंतों की सर्जरी के बाद ‘कुछ लोग चाहते थे कि मैं मर जाऊं।

By Shashank PandeyEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 08:24 AM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 08:24 AM (IST)
पोप फ्रांसिस ने साधा रूढ़ीवादी आलोचकों पर निशाना, कहा- कुछ लोग चाहते थे कि मैं मर जाऊं
कैथोलिक चर्च के प्रमुख पोप फ्रांसिस का बयान।(फोटो: फाइल)

रोम, एपी। पोप फ्रांसिस ने अपने विरोधी रूढ़ीवादी आलोचकों पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी 'भद्दी टिप्पणियां' शैतान का काम हैं। हाल में हुई आंतों की सर्जरी के बाद 'कुछ लोग चाहते थे कि मैं मर जाऊं।'पोप फ्रांसिस ने स्लोवाक की राजधानी ब्रातिस्लावा में पहुंचने के तुरंत बाद स्लोवाकिया के जेसूट के साथ 12 सितंबर को हुई एक बैठक के दौरान यह बात कही। इस बैठक में हुई बातचीत के कुछ अंश मंगलवार को जेसूट जर्नल ला सिविल्टा कैटोलिका में प्रकाशित किए गए।

इस बातचीत के दौरान पादरी ने उनसे पूछा कि वह कैसा महसूस कर रहे हैं और पोप ने मजाकिया लहजे में कहा, 'अब भी जिंदा हूं।'उन्होंने कहा, 'हालांकि कुछ लोग चाहते थे कि मैं मर जाऊं। मुझे पता है कि पादरी लोग बैठकें करने लगे थे और कह रहे थे कि पोप की हालत जो बताई जा रही है असल में वह उससे भी ज्यादा खराब है। वे आगे की तैयारी कर रहे थे। सब्र रखिए, ईश्वर का शुक्र है कि मैं ठीक हूं।'पोप फ्रांसिस की जुलाई में सर्जरी हुई थी। बड़ी आंत का 33 सेंटीमीटर हिस्सा निकाला गया था। इसके बाद पोप ने 12 से 15 सितंबर को हंगरी-स्लोवाकिया की यात्रा की थी। सर्जरी के बाद उनकी पहली अंतरराष्ट्रीय यात्रा थी।

उन्होंने कहा,‘‘ हालांकि कुछ लोग चाहते थे कि मैं मर जाऊं। मुझे पता है कि पादरी लोग बैठकें करने लगे थे और कह रहे थे कि पोप की हालत जो बताई जा रही है असल में वह उससे भी ज्यादा खराब है। वे आगे की तैयार कर रहे थे। सब्र रखिए, ईश्वर का शुक्र है कि मैं ठीक हूं।’’

दरअसल, पोप फ्रांसिस की जुलाई में सर्जरी हुई थी जिसमें उनकी बड़ी आंत का 33-सेंटीमीटर (13इंच) हिस्सा निकाला गया था। इसके बाद पोप ने 12 से 15 सितंबर को हंगरी-स्लोवाकिया की यात्रा की थी जो सर्जरी के बाद उनकी पहली अंतरराष्ट्रीय यात्रा थी।

पोप के दस दिन तक अस्पताल में रहने पर इटली की मीडिया ने कयास लगाने शुरू कर दिए थे कि शायद अब पोप इस्तीफा दे देंगे और खबरों में पोप के वारिस के बारे में बारे की जा रही थीं।

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