नेपाल के पीएम ओली ने किया स्टैंडिंग कमेटी का पुनर्गठन, विरोधियों को दिखाया बाहर का रास्ता
नेपाल में प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने सत्तारूढ़ नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी की स्टैंडिंग कमेटी का पुनर्गठन किया है। ओली अपनी पार्टी के अध्यक्ष भी हैं। स्टैंडिंग कमेटी पार्टी में निर्णय लेने वाली सर्वोच्च संस्था है। पुनर्गठन में प्रतिद्वंद्वी पार्टी के नजदीकी नेताओं को हटाया गया।
काठमांडू, प्रेट्र। नेपाल में प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने सत्तारूढ़ नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी (यूएमएल) की स्टैंडिंग कमेटी का पुनर्गठन किया है। ओली अपनी पार्टी के अध्यक्ष भी हैं। स्टैंडिंग कमेटी पार्टी में निर्णय लेने वाली सर्वोच्च संस्था है।
पुनर्गठन में प्रतिद्वंद्वी पार्टी के नजदीकी नेताओं को हटाया गया
पुनर्गठन में उन नेताओं को हटाया गया है जो प्रतिद्वंद्वी पार्टी के नेता माधव कुमार नेपाल और झालानाथ खनाल के नजदीकी माने जाते हैं। ये दोनों नेता पुष्प कमल दहल प्रचंड के नेतृत्व वाली नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी केंद्र) के हैं।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी पहले की तरह दो हिस्सों में बंट गई
स्टैंडिंग कमेटी के पुनर्गठन का यह फैसला ओली ने गुरुवार को वरिष्ठ नेताओं के साथ एक-एक कर बैठक के बाद लिया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी पहले की तरह दो हिस्सों में बंट गई है। दोनों कम्युनिस्ट गुटों का विलय 2017 में हुए संसदीय चुनाव के बाद 2018 में हुआ था, लेकिन ओली ने एकतरफा फैसला लेते हुए दिसंबर 2020 में अचानक संसद के निचले सदन-प्रतिनिधि सभा को भंग करने की सिफारिश कर दी। इसके बाद दोनों गुटों के बीच पैदा हुए मतभेदों का मामला सुप्रीम कोर्ट में गया।
नेपाल में दो स्वतंत्र कम्युनिस्ट पार्टियां अस्तित्व में
शीर्ष न्यायालय ने मामले की सुनवाई कर दोनों गुटों को अलग करने का फैसला सुनाया। इससे नेपाल में एक बार फिर से दो स्वतंत्र कम्युनिस्ट पार्टियां अस्तित्व में आ गई हैं। एक अन्य फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने ओली का प्रतिनिधि सभा को भंग करने का फैसला भी रद कर दिया।
प्रतिद्वंद्वी पार्टी के नजदीकी नेता स्टैंडिंग कमेटी से हटे
सूत्रों के अनुसार ओली ने राम बहादुर थापा, लेखराज भट्टा, तोप बहादुर रायमाझी और मणि थापा को सीपीएन (यूएमएल) की स्टैंडिंग कमेटी से हटाया है। इससे पहले पार्टी के महाधिवेशन की तैयारी कमेटी की बैठक में कहा गया कि कुछ नेता पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं। वे अलग से बैठकें कर पार्टी विरोधी चर्चा कर रहे हैं। जाहिर है कमेटी का इशारा प्रचंड के नेतृत्व वाले सीपीएन (माओवादी केंद्र) से जुड़े स्टैंडिंग कमेटी के नेताओं की ओर था, जिन्हें अब हटाया गया है।