मालदीव में आज पीएम मोदी की यात्रा से भारत को मिला पैर जमाने का मौका

नए राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह के पदभार ग्रहण के दौरान मौजूद रहने वाले पीएम मोदी मालदीव के लिए सर्वोच्च रैंकिंग वाले अतिथि होंगे।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Fri, 16 Nov 2018 09:20 PM (IST) Updated:Sat, 17 Nov 2018 07:11 AM (IST)
मालदीव में आज पीएम मोदी की यात्रा से भारत को मिला पैर जमाने का मौका
मालदीव में आज पीएम मोदी की यात्रा से भारत को मिला पैर जमाने का मौका

माले, रायटर। मालदीव में शनिवार को नए राष्ट्रपति का शपथ ग्रहण समारोह माले के बदलते हालात का सबसे सटीक उदाहरण बनने जा रहा है। चीन के कर्ज में डूबा यह देश मदद के लिए भारत के साथ-साथ अमेरिका की तरफ भी देख रहा है। यही वजह है कि नए राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह के पदभार ग्रहण के दौरान मौजूद रहने वाले पीएम मोदी मालदीव के लिए सर्वोच्च रैंकिंग वाले अतिथि होंगे। चीन की बात करें तो वहां के सांस्कृतिक एवं पर्यटन मंत्री इसमें शिरकत करेंगे। उधर, मोदी ने अपनी मालदीव यात्रा को लेकर गर्मजोशी दिखाई है। इस संबंध में उन्होंने ट्वीट करके मालदीव के साथ बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य, कनेक्टिविटी और मानव संसाधन के क्षेत्रों में मिलकर काम करने की बात कही है।

2014 में सत्ता संभालने के बाद पहली बार मालदीव जा रहे मोदी की शपथ ग्रहण में मौजूदगी इसका संकेत है कि पिछले वर्षो में दोनों देशों के बीच गड़बड़ हुए संबंध अब सुधार की ओर हैं। पिछले सालों के दौरान चीन की तरफ मालदीव का झुकाव भारत की कुछ प्रमुख चिंता में से एक रहा है। श्रीलंका में चल रहे राजनीतिक गतिरोध को लेकर भी नई दिल्ली और बीजिंग में संबंध तनावपूर्ण बने रहते हैं। 

अब मालदीव की नीति 'इंडिया फ‌र्स्ट'
चीन समर्थक नेता अब्दुल्ला यामीन को हराने के बाद सोलिह ने इंडिया फ‌र्स्ट पॉलिसी की वकालत की है। उन्होंने कहा है कि 4 लाख से अधिक की आबादी वाले इस मुल्क को अपने तात्कालिक पड़ोसियों के साथ प्रगाढ़ संबंधों की जरूरत है।

उन्होंने कहा है कि 4 लाख से अधिक की आबादी वाले इस मुल्क को अपने तात्कालिक पड़ोसियों के साथ प्रगाढ़ संबंधों की जरूरत है। सोलिह की ट्रांजिशन टीम के एक सदस्य अदम अजीम ने बताया कि चीन के लाखों डॉलर के निवेश की समीक्षा करने के साथ ही चीन के कर्जे के पुनर्गठन पर भी काम किया जा रहा है। उन्होंने इस मामले की जांच करने के साथ लोगों की जिम्मेदारी तय करने की भी बात कही। 

जीडीपी के चौथाई हिस्से से अधिक है चीन का कर्ज
सोलिह की टीम के एक अन्य सदस्य ने कहा कि पहले हमें लगता था कि चीन का कर्जा करीब 1.5 अरब डॉलर होगा, लेकिन यह कर्ज मालदीव की जीडीपी के चौथाई हिस्से से भी अधिक है। उनकी टीम भारत, अमेरिका और सऊदी अरब से वित्तीय मदद के लिए संपर्क कर चुकी है ताकि इस कर्ज से निपटा जा सके।

भारत ने हरसंभव मदद के लिए किया आश्वस्त
भारत ने सोलिह की टीम को आश्वस्त किया है कि वह किसी भी तरह की मदद के लिए तैयार है। भारत ने कुछ साल पहले मालदीव को 75 मिलियन डॉलर (पांच अरब रुपये से अधिक) की क्रेडिट लिमिट दी थी। रिश्ते खराब होने तक इसका केवल एक तिहाई ही इस्तेमाल हो पाया था। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और मालदीव मॉनिटरी अथॉरिटी केबीच मुद्रा बदलने को लेकर भी एक समझौता है, जो वित्तीय स्थिरता में मदद कर सकती है।

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