Mauritius Oil Spill: मॉरीशस में तेल रिसाव को रोकने और समुद्री तटों को बचाने में जुटे लोग
प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ ने एक दिन पहले ही पर्यावरणीय आपातकाल की घोषणा करते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मदद मांगी है।
जोहांसबर्ग, एपी। अपने देश के समुद्री तटों और खनिज संपदा को बचाने के लिए मॉरीशस के हजारों छात्र, आम लोग और पर्यावरण प्रेमी जुट गए हैं। समुद्र तट के करीब फंसे जापान के पोत से हो रहे तेल रिसाव को रोकने के लिए लोगों ने रविवार को पूरा प्रयास किया।
हिंद महासागर फंसे इस टैंकर में करीब चार हजार टन तेल लदा है, जिसमें से अब तक एक हजार टन का रिसाव हो चुका है। एमवी वाकाशिओ नामक यह पोत 25 जुलाई से समुद्र में फंसा है और धीरे-धीरे डूब रहा है। रविवार को जुटे लोगों ने तेल रिसाव को रोकने की भरपूर कोशिश की, लेकिन तेज हवाओं और खराब मौसम के चलते उन्हें भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। खबर यह भी है कि पोत के निचले हिस्से में और भी दरारें पड़ रही हैं।
हालात को देखते हुए प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ ने एक दिन पहले ही पर्यावरणीय आपातकाल की घोषणा करते हुए अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मदद मांगी थी। उन्होंने कहा था कि तेल रिसाव से उनके देश की 13 लाख की आबादी के लिए गंभीर खतरा पैदा हो गया है, जो बहुत हद तक पर्यटन पर निर्भर है। कोरोना संकट के चलते पहले ही पर्यटन को भारी नुकसान पहुंचा है।
मॉरीशस के पूर्व सांसद अनिल द्वारकासिंग ने कहा कि यह सिर्फ हमारे पर्यावरण के लिए खतरा नहीं रह गया है, बल्कि पर्यावरण की दृष्टि से देश के सबसे अहम महेबर्ग लैगून (कच्छ) के लिए गंभीर संकट बन गया है। तेल रिसाव वाले क्षेत्र के आस पास के द्वीप से कछुओं और अन्य दुर्लभ समुद्री पौधों को सुरक्षित निकाला जा रहा है।