पाकिस्तान को नहीं मिली राहत, एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में रखने की सिफारिश
पाकिस्तान फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की ग्रे लिस्ट में बरकरार है। उसे इस दौरान तुर्की और मलेशिया का समर्थन मिला है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। वैश्विक आतंकी फंडिंग पर नजर रखने वाली संस्था एफएटीएफ ने मंगलवार को पाकिस्तान को 'ग्रे लिस्ट' में बनाए रखने की सिफारिश की है। उसने पाया कि पाकिस्तान आतंकी फंडिंग पर काबू करने में विफल रहा है। हालांकि पाकिस्तान पर अंतिम फैसला 21 फरवरी यानी शुक्रवार को किया जाएगा।
तीन दिन बाद लिया जाएगा अहम फैसला
इस संबंध में पेरिस में चल रही एफएटीएफ की अंतरराष्ट्रीय सहयोग समीक्षा समूह (आइसीआरजी) की बैठक में सिफारिश की गई है कि पाकिस्तान फिलहाल ग्रे लिस्ट में बना रहेगा। उसे काली सूची में डालने के आसार अभी नहीं हैं। लेकिन पाकिस्तान पर अंतिम फैसला तीन दिन बाद तब लिया जाएगा जब एफएटीएफ अपनी अहम बैठक करेगा। फिलहाल उसकी बैठकें एक हफ्ते से जारी हैं। इसी दौरान अपने बचाव में पाकिस्तान ने आतंकी सरगना हाफिज सईद को आतंकी फंडिंग के दो मामलों में कुल 11 साल कैद की सजा सुना दी है। पाकिस्तानी अदालत का यह दिखावटी फैसला एफएटीएफ और पश्चिमी देशों को खुश करने के लिए लिया गया है।
भारत ने की अपील, पाकिस्तान के खिलाफ सख्ती बरतें
भारत ने पिछले कुछ सालों में अंतरराष्ट्रीय मंचों पर यह स्थापित कर दिया है कि पाकिस्तान नियमित रूप से लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मुहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे आतंकी संगठनों को हर तरह की मदद करता है। यह सभी आतंकी संगठन पाकिस्तान की ही शह पर भारत के खिलाफ काम करते हैं। इसलिए भारत ने एफएटीएफ से अपील की है कि वह पाकिस्तान के खिलाफ सख्ती बरते।
मसूद अजहर और उसका परिवार लापता
पाकिस्तान सरकार ने हाल ही में एफएटीएफ को यह भी बताया है कि जैश का संस्थापक मसूद अजहर और उसका परिवार लापता हैं। पड़ोसी देश ने दावा किया है कि संयुक्त राष्ट्र की ओर से आतंकी घोषित केवल 16 आतंकी पाकिस्तान में हैं। इनमें से सात की मौत हो चुकी है। और जो नौ आतंकी जिंदा हैं उनमें से सात ने संयुक्त राष्ट्र से वित्तीय और यात्रा संबंधी प्रतिबंध हटाने की अपील की हुई है।
काली सूची से बचने को और तीन देशों का समर्थन चाहिए
पाकिस्तान को 'ग्रे लिस्ट' से बाहर निकल कर व्हाइट लिस्ट में आने के लिए कुल 39 में से 12 वोटों की जरूरत पड़ेगी। जबकि काली सूची में डाले जाने से बचने के लिए उसे और तीन देशों का समर्थन चाहिए होगा। पिछले महीने एफएटीएफ की बैठक बीजिंग में हुई थी। पाकिस्तान ने एफएटीएफ के दिशा-निर्देशों के अनुरूप अब तक अपने यहां की गई कार्रवाई की सूची सौंपी थी। लेकिन अक्टूबर 2019 में एफएटीएफ ने पाकिस्तान से कहा था कि उसने 27 लक्ष्यों में से केवल पांच को पूरा किया है।
इमरान खान का दावा, पाकिस्तान अब आतंकियों के लिए स्वर्ग नहीं
पीएम इमरान खान पाकिस्तान को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की ग्रे लिस्ट से निकालने के लिए लगातार कोई न कोई नई झूठ बोला। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अब पहले की तरह आतंकियों के लिए सुरक्षित जगह नहीं बची है। उनका यह बयान कहीं न कहीं एफएटीएफ के बचाव से प्रेरित था।
पाक प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं आपको बता सकता हूं कि पाकिस्तान अब आतंकियों के लिए स्वर्ग नहीं है। इमरान ने स्वीकार किया 9/11 के बाद आतंकी गतिविधि यहां अफगानी रिफ्यूजी कैंप से चलती थी। इसे रोकना आसान नहीं था, क्योंकि यहां इन रिफ्यूजी की आबादी एक लाख से ज्यादा है।
पाकिस्तान का झूठ
पाकिस्तान खुद को ब्लैक लिस्ट से बचाने के लिए लगातार इस तरह के झूठे दावे करने में जुटा रहा। पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक, जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर पाकिस्तान आर्मी की कैद से गायब है। पिछले हफ्ते ही पाकिस्तान की आतंकरोधी अदालत ने 2008 मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद को आतंक से जुड़े दो मामलों में 11 साल जेल की सजा सुनाई थी। यह कदम एफएटीएफ की बैठक से ठीक चार दिन पहले आया था।
माना है कि एफएटीएफ की बैठक के बाद पाकिस्तान हाफिज सईद को रिहा कर देगा। पाकिस्तान सरकार ने हाल ही में एफएटीएफ को जानकारी दी कि उसके यहां छिपे 16 आतंकियों में से सात को मौत के घाट उतारा जा चुका है।