हमास को पर्दे के पीछे से बढ़ावा दे रहा है पाकिस्तान, फलस्तीनी आतंकियों को दे रहा ट्रेनिंग

टाइम्स आफ इजरायल के ओपेड पेज में प्रकाशित भू-राजनीतिक विशेषज्ञ फैबियन बुसरत का कहना है कि पाकिस्तान हमास को मदद पहुंचा रहा है। पाकिस्तान फलस्तीनी आतंकियों को ना सिर्फ पनाह बल्कि प्रशिक्षण भी दे रहा है। यह मदद पूरी तरह खुफिया रखी गई है।

By Shashank PandeyEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 02:15 PM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 02:15 PM (IST)
हमास को पर्दे के पीछे से बढ़ावा दे रहा है पाकिस्तान, फलस्तीनी आतंकियों को दे रहा ट्रेनिंग
पाकिस्तान पर खुफिया तरीके से मदद का आरोप।(फोटो: दैनिक जागरण)

तेल अवीव, एएनआइ। पाकिस्तान पर्दे के पीछे से फलस्तीनी आतंकी संगठन हमास को ना सिर्फ पनाह दे रहा है बल्कि उसके आतंकियों को पूरा प्रशिक्षण भी दे रहा है। ताकि पश्चिम एशिया के उलझे हुए हालात को और हवा दी जा सके। इजरायल के खिलाफ हमास का इस्तेमाल करके पाकिस्तान अरब देशों में अपना इस्लामिक एजेंडा स्थापित करके अपना रुतबा बढ़ाना चाहता है। टाइम्स आफ इजरायल के ओपेड पेज में प्रकाशित भू-राजनीतिक विशेषज्ञ फैबियन बुसरत का कहना है कि ईरान, कतर और तुर्की का हमास को मदद देने के पुख्ता सुबूत हैं। लेकिन इस दिशा में पाकिस्तान की भूमिका से लोग अभी तक वाकिफ नहीं हैं। यह मदद पूरी तरह खुफिया तरीके से दी जा रही है।

यह जानकारी तब सामने आई है जब हाल ही में इजरायल और हमास के बीच भीषण संघर्ष होने के बाद संघर्षविराम घोषित किया गया है। राजनीतिक और विदेश मामलों के सेंटर (सीपीएफए) के अध्यक्ष बुसरत ने कहा कि विचारधारा के मोर्चे पर हमास ने पाकिस्तान और जेहादी संगठनों से अपने रिश्ते गहरे कर लिए हैं। 'मुस्लिम ब्रदरहुड' से पनपे हमास की ताकत फिर से उभरी है और जमात-ए-इस्लामी की ताकत बढ़ी है। जमात पाकिस्तान में जेहाद का प्रमुख स्रोत है। यह दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं।

पाकिस्तान और हमास की यह वैचारिक समानता उनके मजबूत संबंधों का मुख्य आधार है। रिपोर्ट में पाकिस्तान पर पश्चिम एशिया में नफरत फैलाने का आरोप लगाया गया है। हमास पश्चिम एशिया में कोई अकेला आतंकी संगठन नहीं है लेकिन पाकिस्तान उसका बढ़चढ़कर साथ दे रहा है। फलस्तीन के पाकिस्तान ने पैरवी दोगुनी कर दी है। हालांकि पाकिस्तानी लोग खुलकर फलस्तीनी लोगों की वकालत करते हैं।

ईरान में अब क्रूर जल्लादों का शासन होगा : इजरायल

इजरायल ने कट्टरपंथी न्यायाधीश इब्राहिम रईसी को ईरानी राष्ट्रपति चुने जाने की निंदा की । साथ ही कहा है कि उनकी सत्ता 'क्रूर जल्लादों का शासन' होगा। उसने वैश्विक बिरादरी से अपील है कि उन्हें ईरान से एक नए परमाणु समझौते पर वार्ता नहीं करनी चाहिए।

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