अफगानिस्तान मामले पर अहम सुरक्षा बैठक, पाकिस्तानी ISI प्रमुख ने की अध्यक्षता; चीन समेत शामिल हुए कई देश

अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे से दुनिया भर में आतंकियों और सुरक्षा के मद्देनजर कई सवाल उठ रहे हैं। इस क्रम में आज पाकिस्तान के आइएसआइ प्रमुख ने एक सुरक्षा बैठक की अध्यक्षता की जिसमें चीन और ईरान समेत कई देशों की खुफिया एजेंसियों ने हिस्सा लिया

By Monika MinalEdited By: Publish:Sat, 11 Sep 2021 11:34 PM (IST) Updated:Sat, 11 Sep 2021 11:34 PM (IST)
अफगानिस्तान मामले पर अहम सुरक्षा बैठक, पाकिस्तानी ISI प्रमुख ने की अध्यक्षता; चीन समेत शामिल हुए कई देश
अफगानिस्तान मामले पर अहम सुरक्षा बैठक, पाकिस्तानी ISI प्रमुख ने की अध्यक्षता

 इस्लामाबाद, प्रेट्र। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलीजेंस (आइएसआइ) के प्रमुख ने शनिवार को एक अहम सुरक्षा बैठक की अध्यक्षता की। अफगानिस्तान मामले पर हुए इस बैठक में चीन समेत कई देशों के प्रमुखों ने हिस्सा लिया। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, आइएसआइ के डायरेक्टर जनरल लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद (Faiz Hameed) ने अफगान मामले पर चीन, ईरान, उज्बेकिस्तान, ताजिकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान के इंटेलिजेंस प्रमुखों से चर्चा की।

 अफगानिस्तान की बदलती स्थिति पर चीन समेत क्षेत्रीय देशों के साथ की गई इस बैठक में आइएसआइ के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद ने चीन, ईरान, उज्बेकिस्तान, ताजिकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान के खुफिया प्रमुखों के साथ अफगानिस्तान के मुद्दे पर चर्चा की। हालांकि, किसी तरफ से इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन सूत्रों ने बताया है कि आइएसआइ महानिदेशक ने अफगानिस्तान की स्थिति और शांति एवं स्थिरता पर सहयोग करने के तरीकों पर चर्चा की।

आइएएनएस के अनुसार, अफगानिस्तान की स्थिति पर अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआइए भी पूरी नजर रखे हुए है। सीआइए के डायरेक्टर विलियम ब‌र्न्स पाकिस्तान और भारत की यात्रा पर हैं। अमेरिकी खुफिया एजेंसी के प्रमुख ने पाकिस्तान पहुंचने के बाद यहां सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा और आइएसआइ प्रमुख फैज हमीद के साथ वार्ता की। वार्ता के संबंध में एक बयान कर जानकारी दी गई। बयान में कहा गया है कि क्षेत्र में शांति बनाए रखने के लिए पाकिस्तान अपने अंतरराष्ट्रीय पार्टनर के साथ पूरा सहयोग कर रहा है। लेकिन परिस्थितियां इतनी अच्छी नहीं हैं, जितनी समझी जा रही हैं। पाकिस्तान ने अमेरिका के निकासी अभियान में भी पूरी मदद की है। यही नहीं उसने काबुल से आने वाले अमेरिकी सैनिकों को भी अपने यहां ठहराया है।

ज्ञात हो कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी के बाद तुर्की, रूस, कतर, ईरान, चीन और पाकिस्तान निरंतर तालिबान के संपर्क में हैं और उनकी लगातार वार्ता हो रही है। यह अमेरिका के लिए चिंतित करने वाली स्थितियां हैं।

अब तक इस बैठक के बारे में आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं की गई है। इससे पहले ISI प्रमुख ने हाल में ही अफगानिस्तान का दौरा किया था। इस दौरान काबुल में उनकी मुलाकात अफगान नेतृत्व से हुई थी और उन्होंने विभिन्न मुद्दों पर चर्चा भी किया था। दौरे के कुछ दिनों बाद ही तालिबान ने अपने अंतरिम सरकार का ऐलान कर दिया। 

उल्लेखनीय है कि अफगानिस्तान के साथ पाकिस्तानी करेंसी रुपये में द्विपक्षीय व्यापार करने का भी फैसला लिया गया है। इससे पहले, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तालिबान का द्विपक्षीय व्यापार अमेरिकी डॉलर में था। बता दें कि हक्कानी नेटवर्क का संरक्षक के तौर पर आइएसआइ को जाना जाता है। हक्कानी नेटवर्क को UN और अमेरिका ने आतंकी समूह घोषित किया हुआ है।

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