Kulbhushan Jadhav Case: जाधव मामले में पाकिस्तान की अड़ंगेबाजी नाकाम

पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल अनवर मंसूर खान आईसीजे में भारत को कोस रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत पाकिस्तान को नीचा दिखाने के पारंपरिक तरीकों का इस्तेमाल कर रहा है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Publish:Tue, 19 Feb 2019 04:18 PM (IST) Updated:Tue, 19 Feb 2019 05:22 PM (IST)
Kulbhushan Jadhav Case: जाधव मामले में पाकिस्तान की अड़ंगेबाजी नाकाम
Kulbhushan Jadhav Case: जाधव मामले में पाकिस्तान की अड़ंगेबाजी नाकाम

हेग(एजेंसी)। भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव के मामले में अड़ंगेबाजी पर उतारू हुए पाकिस्तान को नाकामी हाथ लगी है। मामले की सुनवाई स्थगित करने के उसके आग्रह को अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) ने मंगलवार को ठुकरा दिया।

हेग स्थित इस न्यायालय में जाधव मामले पर सोमवार से चार दिवसीय सुनवाई शुरू हुई है। दूसरे दिन पाकिस्तान ने अपना पक्ष रखा और दावा किया कि जाधव कारोबारी नहीं, जासूस है। पहले दिन पूर्व सॉलिसिटर जनरल हरीश साल्वे ने भारत का पक्ष रखते हुए पाकिस्तान के झूठ की धज्जियां उड़ा दी थीं। उन्होंने सिलसिलेवार ढंग से दलीलें पेशकर जाधव पर पाकिस्तान के आरोपों को कोरा झूठ साबित किया था।

पाकिस्तान ने दूसरे दिन सबसे पहले आईसीजे के जज से सुनवाई स्थगित करने का आग्रह किया। उसने इसके लिए अपने तदर्थ जज के बीमार होने का हवाला दिया। सुनवाई शुरू होने से पहले आईसीजे में पाकिस्तान के तदर्थ जज टी हुसैन जिलानी को हार्ट अटैक आया था।

अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व कर रहे अटॉर्नी जनरल अनवर मसूद खान ने इसका हवाला देकर सुनवाई स्थगित करने का आग्रह किया। लेकिन वैश्विक अदालत ने पाकिस्तान की याचिका को अस्वीकार कर दिया और कहा कि तदर्थ जज की अनुपस्थिति में अपनी दलील पेश करें। इसके बाद पाकिस्तान का पक्ष रखते हुए वकील खवार कुरैशी ने कहा- 'भारत नहीं जानता कि पाकिस्तान ऐसा देश है जो शांति स्थापना में सबसे ज्यादा सैनिक मुहैया कराता है। उसके कई सैनिकों ने वैश्विक सुरक्षा में अपनी जान गंवा दी है।'

पाकिस्तान में 48 वर्षीय जाधव को अप्रैल, 2017 में मौत की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद भारत ने आईसीजे में आठ मई, 2017 को अपील की थी। 18 मई, 2017 को आईसीजे ने उनकी फांसी की सजा पर रोक लगा दी थी।

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