हैती में आए भूकंप के तेज झटकों से क्षतिग्रस्त हुआ एकमात्र मेडिकल आक्सीजन प्लांट
कैरिबियाई देश हैती (Haiti) में पिछले दिनों आए भूकंप के तगड़े झटकों ने ना सिर्फ भारी मात्रा में नुकसान पहुंचाया बल्कि 2 हजार से ज्यादा लोगों की जिंदगी भी छीन ली। 7.2 की तीव्रता से आए इस भूकंप के झटके में एकमात्र चिकित्सा आक्सीजन संयंत्र को क्षतिग्रस्त कर दिया है।
हैती, एपी। कैरिबियाई देश हैती (Haiti) में पिछले दिनों आए भूकंप के तगड़े झटकों ने ना सिर्फ भारी मात्रा में नुकसान पहुंचाया बल्कि 2 हजार से ज्यादा लोगों की जिंदगी भी छीन ली। 7.2 की तीव्रता से आए इस भूकंप के झटके में दक्षिणी हिस्से में एकमात्र चिकित्सा आक्सीजन संयंत्र भी क्षतिग्रस्त हुआ। पहले ही यह देश कोरोना वायरस और उष्णकटिबंधीय तूफान का सामना कर रहा है। ऐसे में इस भूकंप ने तबाही मचाई। भूकंप के दौरान क्षतिग्रस्त हुए आक्सीजन संयंत्र बिल्डिंग में अक्सीजन कंसंट्रेटर (oxygen concentrator machines) मशीन लगी हुई थी, जो इन झटकों के दौरान ढह गई। एथियस कंपनी (Etheuss company) एक परिवार द्वारा चलाई जा रही थी। यह शनिवार को हैती में आए भूकंप के झटकों से सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्रों में शामिल है।
कंपनी के मालिक ने फिर से आक्सीजन उत्पादन शुरू करने का किया वादा
कंपनी के मालिक कर्च जेनू (Kurtch Jeune) ने कहा, 'हम आक्सीजन उत्पादन फिर से शुरू करने की कोशिश कर रहे हैं। यह हमारी जिम्मेदारी है क्योंकि बहुत से लोग इस पर निर्भर हैं'। इसके साथ ही उन्होंने गुरुवार को क्षतिग्रस्त बिल्डिंग और मलबे की तस्वीर दिखाई।
लोक निर्माण विभाग से मदद का वादा मिला
इसके अलावा उन्होंने इस भूकंप के झटकों से प्रभावित संयंत्र के बारे में बताते हुए कहा कि खंभे और छत झुक गई है। सीमेंट ब्लाक के मलबे ने टैंक विद्युत प्रणाली को भी प्रभावित किया गया है। आगे उन्होंने कहा कि हमे खुदाई के साथ मलबे को बाहर निकालने के लिए लोक निर्माण विभाग से मदद का वादा मिला। इसके साथ ही बताया कि राजधानी पोर्ट-आ-प्रिंस में दो मेडिकल आक्सीजन प्लांट के अलावा उनका कारखाना स्थानीय अस्पतालों में सेवा देने वाला एकमात्र था।
बता दें कि यहां पर शक्तिशाली भूकंप के चलते कई गांव उजाड़ गए। हजारों की संख्या में लोगों के घर पूरी तरह नष्ट हो जाने के बाद लोग विस्थापित हो गए हैं। भूकंप पीडि़तों को भीषण गर्मी में खुले आसमान के नीचे रहना पड़ रहा है। कोरोना महामारी और हिंसा की घटनाओं के बीच इस प्राकृतिक आपदा में राहत कार्य में मुश्किल हो रही है।