अफगानिस्तान में जंग को रोज घुस रहे एक हजार पाकिस्‍तानी आतंकी, संयुक्त राष्‍ट्र ने की पुष्टि

अफगानिस्तान में पाकिस्तान ही तालिबान की असली ताकत बना हुआ है। पाक से हर रोज एक हजार आतंकी अफगानिस्तान की सीमा में घुसकर सरकारी सेना से जंग लड़ रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट ने भी इस बात की पुष्टि की है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 09:49 PM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 11:18 PM (IST)
अफगानिस्तान में जंग को रोज घुस रहे एक हजार पाकिस्‍तानी आतंकी, संयुक्त राष्‍ट्र ने की पुष्टि
अफगानिस्तान में पाकिस्तान ही तालिबान की असली ताकत बना हुआ है।

 काबुल, एएनआइ। अफगानिस्तान में पाकिस्तान ही तालिबान की असली ताकत बना हुआ है। पाक से हर रोज एक हजार आतंकी अफगानिस्तान की सीमा में घुसकर सरकारी सेना से जंग लड़ रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट ने भी इस बात की पुष्टि की है। रिपोर्ट के अनुसार यहां छह हजार पाक तालिबान आतंकी मौजूद हैं। अफगानिस्तान की खुफिया विभाग के पूर्व प्रमुख रहमतुल्लाह राबिल ने कहा है कि एक सप्ताह पहले तालिबान ने पाक से लगी सीमा के स्पिन बोल्डक शहर पर कब्जा किया था। उसके बाद यहां से हर रोज पाकिस्तान से एक हजार आतंकी अफगानिस्तान में घुस रहे हैं।

यूएन ने भी छह हजार पाकिस्तानी तालिबान आतंकियों के होने की पुष्टि की

उन्होंने अफगान सेना को आगाह किया, यदि स्पिन बोल्डक पर दोबारा कब्जा नहीं किया तो देश की सुरक्षा व्यवस्था गंभीर खतरे में होगी। खुफिया विभाग के पूर्व प्रमुख ने यह भी कहा कि पाकिस्तान में इन आतंकी संगठनों ने प्रशिक्षण और भर्ती दोनों का काम तेज कर दिया है। इन आतंकवादियों के लिए उन देशों से धन आ रहा है, जो यहां आतंकवाद को बढ़ाना चाहते हैं। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान स्थित तहरीक-ए-तालिबान (टीटीपी) के छह हजार से ज्यादा आतंकी तालिबान के साथ अफगान सेना से लड़ रहे हैं।

नाटो ने कहा, जंग में अफगान सेना का देंगे साथ

रिपोर्ट के अनुसार हिंसाग्रस्त देश में कई देशों और संगठनों के आतंकवादी सक्रिय हैं। इन विदेशी आतंकियों की संख्या 8 से 10 हजार के बीच है। इनमें से ज्यादातर मध्य एशिया, उत्तरी काकेशस क्षेत्र, पाकिस्तान और शिनजियांग से हैं। टीटीपी आतंकी मुख्य रूप से अफगानिस्तान के नानगरहर प्रांत में सक्रिय हैं। इधर नाटो के महासचिव जेंस स्टोलटेनबर्ग ने कहा है कि नाटो देश अफगानिस्तान सरकार का समर्थन जारी रखेंगे। उन्होंने राष्ट्रपति अशरफ गनी से वार्ता कर उन्हें समर्थन देते रहने का भरोसा दिया।

कई जिलों से अफगान सेना ने तालिबान को खदेड़ा

एएनआइ के अनुसार, अफगान सेना ने बल्ख प्रांत के कालदर जिले को फिर अपने नियंत्रण में ले लिया है। टोलो न्यूज के अनुसार सेना ने निमरोज प्रांत के चखनसुर, बामियान प्रांत के साईघन और काहमर्द पर भी दोबारा कब्जा कर लिया है। कपिसा प्रांत में निजरब जिले पर कब्जा करने वाले आतंकियों को सेना ने खदेड़ दिया है। आइएएनएस के अनुसार अफगान सेना ने ताखर प्रांत की राजधानी तालुकान से तालिबान को भागने के लिए मजबूर कर दिया। यहां सेना ने 28 आतंकियों को ढेर कर दिया।

26 हजार फीट से नीची उड़ानों पर अमेरिका ने लगाई रोक

एएनआइ के अनुसार, अमेरिका ने अफगानिस्तान के ऊपर से उड़ान भरने वाले विमानों के लिए गाइड लाइन जारी की है। इन विमानों के 26 हजार फीट से नीचे उड़ान भरने पर रोक लगाई है। यह निर्देश किसी भी विमान को तालिबान का निशाना बनाने से बचाने के लिए जारी किए गए हैं।

अमेरिका हर साल 400 करोड़ डालर देगा अफगान सरकार को

एपी के अनुसार तालिबान से संघर्ष कर रही अफगान सरकार को वित्तीय सहायता के रूप में अमेरिका और नाटो देश हर साल 400 करोड़ डालर (करीब तीस हजार करोड़ रुपये) की मदद देंगे। यह मदद 2024 तक जारी रहेगी। इस धनराशि को अफगानिस्तान की सैन्य सुरक्षा पर खर्च किया जाएगा।

पाक में पश्तूनों का तालिबान के विरोध में प्रदर्शन

आइएएनएस के अनुसार पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा, बलूचिस्तान प्रांत और कराची के कुछ हिस्सों में हजारों पश्तूनों ने तालिबान के खिलाफ अफगान सरकार के समर्थन में प्रदर्शन किया। पश्तूनों के ये प्रदर्शन इंटरनेट मीडिया पर भी छाए रहे।

पाकिस्तान के एनएसए और आइएसआइ प्रमुख का अमेरिका दौरा

एएनआइ के अनुसार, पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) मोईद युसुफ और खुफिया एजेंसी आइएसआइ के प्रमुख जनरल फैज हमीद सोमवार को अमेरिका पहुंच गए हैं। उनकी अमेरिका के शीर्ष अधिकारियों से अफगानिस्तान को लेकर वार्ता होगी। इस बीच अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने कहा है कि अफगानिस्तान में युद्ध का संचालन पाक सेना कर रही है।

स्पिन बोल्डक से लौटे चार पत्रकार गिरफ्तार

रायटर के अनुसार, अफगान प्रशासन ने स्पिन बोल्डक से लौटे चार स्थानीय पत्रकारों को गिरफ्तार किया है। उन पर सेना के खिलाफ दुष्प्रचार करने का आरोप है। ये सभी स्थानीय पत्रकार हैं।

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