ओमान की लेखिका ने जीता मैन बुकर इंटरनेशनल अवार्ड
ओमान की लेखिका जोखा अल-हार्थी को उनकी किताब सेलेस्टियल बॉडीज के लिए इस साल का मैन बुकर इंटरनेशनल अवार्ड दिया गया है। जोखा साहित्य जगत का यह प्रतिष्ठित पुरस्कार हासिल करने वाली अर
लंदन, एएफपी। ओमान की लेखिका जोखा अल-हार्थी को उनकी किताब 'सेलेस्टियल बॉडीज' के लिए इस साल का मैन बुकर इंटरनेशनल अवार्ड दिया गया है। जोखा साहित्य जगत का यह प्रतिष्ठित पुरस्कार हासिल करने वाली अरब जगत की पहली लेखिका हैं। पुरस्कार के रूप में मिली 64 हजार डॉलर (करीब 44 लाख रुपये) की इनामी राशि वह अमेरिकी मार्लिन बूथ के साथ साझा करेंगी। मार्लिन ने उनकी किताब का अंग्रेजी में अनुवाद किया था।
'सेलेस्टियल बॉडीज' ओमान के अल-अवाफी गांव में रहने वाली तीन बहनों के जरिये वहां उपनिवेशवाद खत्म होने के बाद हो रहे बदलाव की कहानी है। लंदन के राउंडहाउस में मंगलवार को आयोजित पुरस्कार समारोह में जोखा ने कहा, 'मैं बहुत खुश हूं कि अब अरब की सभ्यता और संस्कृति के लिए भी साहित्य जगत के दरवाजे खुल गए हैं। मुझे उम्मीद है कि दुनियाभर के पाठक इस उपन्यास से खुद को जोड़ पाएंगे।' मस्कट की सुल्तान काबुस यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर जोखा ने इडेनबर्ग यूनिवर्सिटी से अरबी काव्य की पढ़ाई की है। वह अरबी भाषा में तीन उपन्यास, बच्चों की एक किताब और दो लघु कहानी संग्रह लिख चुकी हैं।
मैन बुकर इंटरनेशनल अवार्ड दुनियाभर में लिखे गए उपन्यासों के अंग्रेजी अनुवाद को दिया जाता है। 2005 में शुरू हुआ यह अवार्ड पहले हर दो साल पर दिया जाता था। 2016 से यह हर वर्ष दिया जाने लगा। पुरस्कार की राशि लेखक और अनुवादक के बीच बंटती है। इस साल के अवार्ड के लिए जोखा समेत पांच लेखिकाएं और कोलंबिया के उपन्यासकार जुआन गर्बियल नामित थे।
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