बदले-बदले से हैं उत्‍तर कोरिया के सुर! पहले देता था धमकी अब दक्षिण कोरिया से कर रहा यूएस संग मिलिट्री ड्रिल न करने की अपील

उत्‍तर कोरिया के सुर में कुछ बदलाव आता दिखाई दे रहा है। ऐसा इसलिए है क्‍योंकि उत्‍तर कोरिया के तानाशाह की बहन किम यो जोंग ने एक बयान में दक्षिण कोरिया से अपील की है कि वो अमेरिका से मिलिट्री ड्रिल न करे।

By Kamal VermaEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 01:13 PM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 01:18 PM (IST)
बदले-बदले से हैं उत्‍तर कोरिया के सुर! पहले देता था धमकी अब दक्षिण कोरिया से कर रहा यूएस संग मिलिट्री ड्रिल न करने की अपील
बदल गए उत्‍तर कोरिया के सुर अब कर रहा अपील

प्‍योंगयांग (एएनआई)। डेमोक्रेटिक पिपुल्‍स रिपब्लिक ऑफ कोरिया (डीपीआरके/उत्‍तर कोरिया) के सुरों में अब कुछ बदलाव आता दिखाई दे रहा है। दरअसल, उत्‍तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया से अपील की है कि वो अमेरिका के साथ होने वाली अपनी नियमित मिलिट्री ड्रिल को रद कर दे। इसके अलावा उत्‍तर कोरिया ने जल्‍द भविष्‍य में उत्‍तर और दक्षिण कोरिया के बीच सम्‍मेलन होने की भी उम्‍मीद जगाई है। ये बयान इसलिए खास है क्‍योंकि इस तरह की अपील उत्‍तर कोरिया की तरफ से पहले शायद ही कभी देखने को मिली है। इससे पहले उत्‍तर कोरिया ने दक्षिण कोरिया को सख्‍त लहजे में चेतावनी दी है और देख लेने की धमकी भी दी है।  

उत्‍तर कोरिया की सेंट्रल न्‍यूज एजेंसी केसीएनए की खबर के मुताबिक कहा गया है कि दक्षिण कोरिया और अमेरिका के बीच मिलिट्री ड्रिल होने से दोनों देशों के शीर्ष नेताओं के बीच न सिर्फ दूरी बढ़ेगी बल्कि एक दूसरे पर भरोसा कायम करने में भी परेशानी होगी, जबकि दोनों ही देशों के नेता चाहते हैं कि दोनों के बीच संबंधों में मजबूती लाई जाए और विश्‍वास बहाली के उपाय किए जाएं।

उत्‍तर कोरिया के तानाशाह की बहन और सेंट्रल कमेटी ऑफ द वर्कर्स पार्टी ऑफ कोरिया की उपाध्‍यक्ष निदेशक किम यो जोंग ने अपने जारी बयान में कहा है कि उनकी सेना और सरकार इस बात पर पूरी निगाह रखे हुए है कि दक्षिण कोरिया अगस्‍त में होने वाली इस मिलिट्री ड्रिल को करती है या नहीं। सरकार की निगाह इस बात पर भी है कि वो इसको लेकर क्‍या बोल्‍ड फैसला लेती है।

गौरतलब है कि डीपीआरके काफी लंबे समय से अमेरिका और दक्षिण कोरिया के बीच हुए सैन्‍य अभ्‍यास का विरोध करता रहा है। उत्‍तर कोरिया मानता है कि ये उसके खिलाफ जंग की एक तैयारी है। आपको बता दें कि 1950-53 के दौरान दक्षिण और उत्‍तर कोरिया के बीच युद्ध हो चुका है। बाद में एक समझौते के बाद इस युद्ध का अंत हुआ था।

आपको यहां पर ये भी बता दें कि पिछले सप्‍ताह ही दोनों देशों के बीच हॉटलाइन सेवा को फिर से बहाल किया गया है। किम जो योंग ने इसको लेकर दक्षिण कोरिया को आड़े हाथों लिया है। किम ने साफ किया है कि इस हॉटलाइन सेवा को दोबारा शुरू करने के पीछे उत्‍तर कोरिया का मकसद दोनों देशों के बीच दक्षिण कोरिया की सोच से कहीं ज्‍यादा है।

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