ताइवान के मुद्दे पर अमेरिका को आंख दिखा रहा उत्‍तर कोरिया, कहा- ये चीन का आंत‍रिक मामला

उत्‍तर कोरिया ने ताइवान के मसले पर चीन का साथ देते हुए अमेरिका को खरीखोटी सुनाई है। उत्‍तर कोरिया का कहना है कि अमेरिकी नौसेना की इस क्षेत्र में मौजूदगी से तनाव बढ़ेगा और ये उसके लिए भी खतरनाक है।

By Kamal VermaEdited By: Publish:Sun, 24 Oct 2021 08:34 AM (IST) Updated:Sun, 24 Oct 2021 09:11 AM (IST)
ताइवान के मुद्दे पर अमेरिका को आंख दिखा रहा उत्‍तर कोरिया, कहा- ये चीन का आंत‍रिक मामला
उत्‍तर कोरिया ने ताइवान के क्षेत्र में यूएस की मौजूदगी को अपने लिए खतरा बताया है।

सिओल (रायटर्स)। ताइवान के मुद्दे पर उत्‍तर कोरिया, चीन के समर्थन में खुल कर बोल रहा है। उत्‍तर कोरिया की तरफ से अमेरिका को इस मुद्दे पर आड़े हाथों लेते हुए कहा गया है कि बाइडन प्रशासन इस विषय पर बिना सोचे समझे ही ताइवान का साथ दे रहा है। उत्‍तर कोरिया ने चीन के साथ अमेरिका के बढ़ते विवाद और तनाव को इसकी एक बड़ी वजह भी बताया है। उत्‍तर कोरिया इस मुद्दे पर यहीं पर नहीं रुका। उसने आगे कहा है कि अमेरिका नौसेना की ताइवान और उसके आसपास के इलाके में उपस्थिति उत्‍तर कोरिया के लिए भी खतरा है।

उत्‍तर कोरिया की समाचार एजेंसी केसीएनए ने उत्‍तर कोरिया के उप विदेश मंत्री पाक म्‍यांग के हवाले से कहा है कि उनका देश ताइवान को हथियार भेजने, और वहां की सेना को प्रशिक्षण देने साथ ही ताइवन जलडमरू में अपने युद्धपोत भेजने की आलोचना करता है। एजेंसी की तरफ से ये भी कहा गया है कि उत्‍तर कोरिया ताइवान से जुड़े सभी मुद्दों को चीन का आतंरिक मामला मानता है। इस‍ लिहाज से किसी भी दूसरे देश की दखल इन मामलों में सही नहीं है। म्‍यांग ने कहा है कि अमेरिका के इस रवैये से कोरियाई प्रायद्वीप की संवेदनशील स्थिति के और अधिक खराब होने की आशंका है।

बता दें कि म्‍यांग का ये बयान ऐसे समय में आया है जब एक दिन पहले ही अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन ने कहा था कि यदि ताइवान पर चीन किसी भी तरह का हमला करता है तो वो उसकी रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। बता दे कि चीन एशिया पेसेफिक इलाके में उत्‍तर कोरिया के प्रमुख सहयोगी और आर्थिक मददगार भी है। चीन के साथ बढ़ती प्रतिस्‍पर्धा के बीच अमेरिका के क्षेत्र में व्‍यापक सुरक्षा भूमिका में आने की उत्‍तर कोरिया निंदा करता रहा है।

बता दें कि चीन के साथ-साथ उत्‍तर कोरिया का भी अमेरिका के साथ छत्‍तीस का आंकड़ा है। अमेरिका के पूर्व राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने उत्‍तर कोरिया से संबंध सुधारने की कोशिश के तहत तीन से अधिक बार किम जोंग उन से मुलाकात की थी। हालांकि इन बैठकों और मुलाकातों का कोई फायदा नहीं हुआ।  

chat bot
आपका साथी