चीन में उइगर मुस्लिमों पर अत्याचार के खिलाफ न्यूजीलैंड संसद में पारित हुआ प्रस्ताव
चीन में उइगर मुस्लिमों पर अत्याचार के खिलाफ न्यूजीलैंड संसद में प्रस्ताव पारित हुआ। न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा आर्डर्न के कड़े तेवर के बाद संसद ने यह सर्वदलीय फैसला लिया। उइगरों पर अत्याचार के संबंध में न्यूजीलैंड की एसीटी पार्टी ने संसद में यह प्रस्ताव पेश किया।
वेलिंग्टन, रायटर। ब्रिटेन के बाद अब न्यूजीलैंड की सरकार ने अब चीन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। यहां की संसद ने सर्वसम्मति से चीन में उइगर मुस्लिमों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित किया है। उइगरों पर अत्याचार के संबंध में न्यूजीलैंड की एसीटी पार्टी ने संसद में यह प्रस्ताव पेश किया। इस प्रस्ताव पर सभी दलों ने विचार-विमर्श किया। बाद में सभी दलों की सहमति के बाद इसको पारित कर दिया गया। प्रस्ताव में उइगरों मुस्लिमों पर अत्याचार को नरसंहार बताया गया था। सत्ता दल से परामर्श के बाद नरसंहार शब्द हटा दिया गया। इसके अलावा पूरा प्रस्ताव पारित कर दिया गया है।
पिछले माह ब्रिटिश सांसदों ने भी एक संसदीय प्रस्ताव पारित कर सरकार से अपील की कि वह चीन की उन नीतियों के खिलाफ कार्रवाई करे जिनके तहत पश्चिमी शिनजियांग में उइगर मुस्लिम आबादी का शोषण हो रहा है। अमेरिका और कनाडा जैसे देशों ने शिनजियांग में चीन की कार्रवाई को नरसंहार करार दे दिया है। प्रस्ताव में चीनी नीतियों को नरसंहार के समान और मानवता के खिलाफ अपराध बताया गया है।
संसद में एसीटी पार्टी के नेता ब्रुक वान वेल्डेन ने कहा कि उनको अपने प्रस्ताव में सत्तारूढ़ लेबर पार्टी के परामर्श पर नरसंहार के स्थान पर गंभीर मानवाधिकार हनन शब्द डालना पड़ा है। हमारा मानना है कि हमारी अंतरात्मा यदि इसे नरसंहार मानती है तो हम उसे नरसंहार ही कहेंगे। इस पर न्यूजीलैंड की विदेश मंत्री ननाया महुता सरकार की तरफ से स्पष्टीकरण दिया कि न्यूजीलैंड पहले भी शिनजियांग के मसले पर अपनी चिंता जताता रहा है।
नरसंहार अंतरराष्ट्रीय अपराधों में सबसे ऊपर है। ऐसी स्थिति में उसका अंतरराष्ट्रीय कानून के आधार पर ही उसी स्तर पर निर्धारण किया जाना चाहिए। ज्ञात हो कि दो दिन पहले ही न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न ने चीन पर निशाना साधा था। उइगर मुस्लिमों पर अत्याचार की आलोचना की थी। चीन ने न्यूजीलैंड की संसद के इस प्रस्ताव का कड़ा विरोध किया है।