किसी तीसरे देश के नागरिक को रेल से भारत की यात्रा करने की अनुमति नहीं देगा नेपाल

सुरक्षा को लेकर चिंताओं के कारण नेपाल कुर्था-जयनगर रेलमार्ग के माध्यम से किसी तीसरे देश के नागरिकों को भारत की यात्रा करने की अनुमति नहीं देगा। 22 अक्टूबर को भारत ने बिहार में जयनगर को नेपाल में कुर्था से जोड़ने वाली क्रास बार्डर रेल लिंक नेपाल को सौंपी थी।

By TaniskEdited By: Publish:Sat, 20 Nov 2021 04:49 PM (IST) Updated:Sat, 20 Nov 2021 04:49 PM (IST)
किसी तीसरे देश के नागरिक को रेल से भारत की यात्रा करने की अनुमति नहीं देगा नेपाल
किसी तीसरे देश के नागरिक को रेल से भारत की यात्रा करने की अनुमति नहीं देगा नेपाल।

काठमांडू,पीटीआइ। भारतीय अधिकारियों द्वारा सुरक्षा को लेकर चिंता जताने के बाद नेपाल कुर्था-जयनगर रेलमार्ग के माध्यम से किसी तीसरे देश के नागरिकों को भारत की यात्रा करने की अनुमति नहीं देगा। काठमांडू पोस्ट अखबार ने रेलवे विभाग के महानिदेशक दीपक कुमार भट्टाराई के हवाले से कहा कि सीमा पार रेलवे संचालन के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (Spa) को अंतिम रूप देते समय इस पर सहमति बनी थी। यह रेलमार्ग हाल ही में लांच हुआ है।

नेपाल और भारत की सीमा अपराधियों और आतंकवादी गतिविधियों के लिए एक केंद्र रहा है। 22 अक्टूबर को भारत ने बिहार में जयनगर को नेपाल में कुर्था से जोड़ने वाली 34.9 किमी लंबी क्रास बार्डर रेल लिंक नेपाल सरकार को सौंपी थी। एसपीए एक दस्तावेज है, जो दोनों देशों के बीच रेलवे सेवा के संचालन के दौरान अपनाई जाने वाली प्रक्रियाओं की रूपरेखा तैयार करता है। भट्टाराई ने कहा कि भारत की सुरक्षा चिंता के कारण एसपीए को अंतिम रूप देने में इतना समय लगा।

रिपोर्ट के अनुसार, नेपाल सीमा पर निर्बाध सुरक्षा मंजूरी सुनिश्चित करने के लिए भारत को ट्रेन में सवार यात्रियों के बारे में सूचित करेगा। भट्टाराई ने कहा कि जारी किए गए टिकटों के आधार पर हमें उन यात्रियों का विवरण भेजना होगा जो भारत की यात्रा कर रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया कि भारत इस बात से आशंकित है कि तीसरे देश के नागरिकों को कुर्था-जयनगर रेलमार्ग से यात्रा करने की अनुमति देनें से अपराधों में वृद्धि हो सकती है।

जयनगर-कुर्थ खंड 68.7 किमी जयनगर-बिजलपुरा-बरदीदास रेल लिंक का हिस्सा है, जिसे भारत सरकार की  8.77 बिलियन एनपीआर (नेपाली रुपया) की अनुदान सहायता के तहत बनाया गया है। ब्राड गेज रेलवे संचालन के लिए नया बुनियादी ढांचा नैरो गेज को बदलकर बनाया गया है, जिसे सात साल से अधिक समय पहले बंद कर दिया गया था। हालांकि, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि रेलवे सेवा अंततः कब फिर से शुरू होगी।

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