नेपाल सरकार ने कम्युनिस्ट रेबल ग्रुप के साथ किया 'शांति समझौता', जानें इससे जुड़ी जरूरी जानकारी

नेपाल सरकार ने कम्युनिस्ट रेबल ग्रुप ( communist rebel group) के साथ शांति समझौता किया है। गुरुवार को इस ग्रुप के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। यह ग्रुप हिंसक हमलों जबरन वसूली और बम विस्फोट के लिए जाने जाते थे।

By Pooja SinghEdited By: Publish:Thu, 04 Mar 2021 01:42 PM (IST) Updated:Thu, 04 Mar 2021 01:53 PM (IST)
नेपाल सरकार ने कम्युनिस्ट रेबल ग्रुप के साथ किया 'शांति समझौता', जानें इससे जुड़ी जरूरी जानकारी
नेपाल सरकार ने कम्युनिस्ट रेबल ग्रुप के साथ किया 'शांति समझौता', जानें इससे जुड़ी जरूरी जानकारी

काठमांडू, एपी। नेपाल सरकार ने कम्युनिस्ट रेबल ग्रुप ( communist rebel group) के साथ शांति समझौता किया है। गुरुवार को इस ग्रुप के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। यह ग्रुप हिंसक हमलों, जबरन वसूली और बम विस्फोट के लिए जाने जाते थे। इस शांति समझौते के बाद नेपाल सरकार की तरफ से जारी किए बयान के मुताबिक, इस समूह पर से सरकार सभी प्रकार के प्रतिबंध हटाएगी। साथ पार्टी सदस्यों और समर्थकों को जेल से छोड़ने और उनके खिलाफ सभी कानूनी मामलों को हटाने पर सहमति व्यक्त की है। जबकि समूह सभी हिंसा को छोड़ने और शांतिपूर्ण बातचीत के माध्यम से किसी भी मुद्दे को हल करने के लिए सहमत हुए हैं। 

इसके साथ ही इस शांति समझौते का विवरण प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और इस समूह के नेता नेत्रा बिक्रम चंद के साथ एक संयुक्त समारोह में सार्वजनिक किया जाएगा। जिन्हें गुरिल्ला और बिप्लव नाम से जाना जाता है।  इस समुह के लोग खुद को नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी भी कहते हैं। यह ग्रुप हिंसा के लिए प्रख्यात है। 

यह माओवादी कम्युनिस्ट पार्टी से अलग हो गया था, जिसने 1996 और 2006 के बीच सरकारी सेना का मुकाबला किया था। उस दौरान इस समुह ने अपने सशस्त्र विद्रोह को छोड़ दिया था  और संयुक्त राष्ट्र की निगरानी वाली शांति वार्ता के लिए सहमत होने के बाद मुख्यधारा की राजनीति में शामिल हो गया था। बता दें कि इस ग्रुप के साथ शांति समझौता ऐसे समय में हुआ है, जब प्रधानमंत्री और उनकी सरकार अपने ही सत्ताधारी दल में विकसित विभाजन के बाद से राजनीतिक संकट का सामना कर रही है। 

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