नेपाल में पहला लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट, प्रधानमंत्री ओली ने रखी नींव

महामारी कोविड-19 के प्रकोप का सामना करने वाले नेपाल में ऑक्सीजन दवाईयो व अस्पताल में बेड की किल्लत हो गई जिसके बाद अब देश में पहले लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना की जा रही है। रविवार को प्रधानमंत्री ओली ने इसकी नींव रखी।

By Monika MinalEdited By: Publish:Mon, 14 Jun 2021 10:57 AM (IST) Updated:Mon, 14 Jun 2021 10:57 AM (IST)
नेपाल में पहला लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट, प्रधानमंत्री ओली ने रखी नींव
नेपाल में पहला लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट, प्रधानमंत्री ने रखी नींव

 काठमांडू, आइएएनएस। नेपाल (Nepal) के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली (Prime Minister KP Sharma Oli) ने रविवार को देश में पहले ऑक्सीजन प्लांट (liquid oxygen plant) की नींव रखी। इस समारोह का अयोजन वर्चुअली किया गया था। बता दें कि इस प्लांट में भारत की ओर से सहयोग की उम्मीद है। इस दौरान अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ओली ने कहा कि महामारी के दौरान इसकी किल्लत को देखते हुए इस प्लांट की स्थापना एक महत्वपूर्ण फैसला है।

नेपाल में लिक्विड ऑक्सीजन के एकमात्र इंपोर्टर शंकर ऑक्सीजन गैस प्राइवेट लिमिटेड (Shankar Oxygen Gas Pvt. Ltd) ने भी अपना लिक्विड ऑक्सीजन प्लंट स्थापित करने की योजना बनाई है। शिन्हुआ न्यूज एजेंसी के अनुसार कंपनी का यह प्लांट भैरवाहा के दक्षिण पश्चिम इलाके में होगा।  मई में नेपाल के कुछ अस्पतालों से कोरोना संक्रमित मरीजों को हटाना पड़ा क्योंकि वहां बिस्तरों की कमी के साथ मेडिकल ऑक्सीजन की भारी किल्लत थी। देश में हर रोज 8,000 से 9,000 तक नए मामले आने लगे थे।

अप्रैल में देश को कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर ने अपने चपेट में ले लिया था। इस हालात के बाद देश की सरकार ने अस्पतालों के लिए 100 से अधिक बेड अनिवार्य कर दिया और अपना ऑक्सीजन प्लांट लगाने के निर्देश दिए। कंपनी के अनुसार, 3,716 वर्ग मीटर तक फैले इस प्लांट की उत्पादन क्षमता 60 टन प्रतिदिन होगी। अधिक उत्पादन होने पर इसका निर्यात पड़ोसी देशों को किया जा सकेगा। इसके अलावा औद्योगिक सेक्टर में भी इसका इस्तेमाल होगा। उल्लेखनीय है कि करीब तीन करोड़ की आबादी वाला देश नेपाल दुनिया के सबसे कम विकसित देशों में से एक है। इसके उत्तर में चीन और दक्षिण में भारत है। यहां अधिकतर सप्लाई के लिए भारत पर निर्भर रहना पड़ता है। विशेष रूप से मेडिकल से जुड़े कच्चे माल के अलावा स्वास्थ्य से जुड़े उपकरणों के लिए। लेकिन महामारी के कारण परेशान स्वयं भारत की ओर से नेपाल को मिलने वाली मदद प्रभावित हुई। भारत ने पहले कोरोना वैक्सीन और फिर ऑक्सीजन सप्लाई पर रोक लगा दी है।

 2019 के अंत में चीन के वुहान से निकले कोरोना वायरस ने अब तक दुनिया भर में 175,884,287 लोगों को संक्रमित कर दिया वहीं इसकेे कारण वैश्विक मौतों का आंकड़ा 3,799,649 हो गया है।

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