नेपाल ने भारतीय निजी समाचार चैनलों से हटाई पाबंदी, प्रसारण सामग्री पर उठाए थे सवाल

India Nepal Tension नेपाल ने गुरुवार को दूरदर्शन के अलावा सभी भारतीय निजी चैनलों के प्रसारण पर रोक लगा दी थी।

By Dhyanendra SinghEdited By: Publish:Mon, 13 Jul 2020 11:03 PM (IST) Updated:Mon, 13 Jul 2020 11:17 PM (IST)
नेपाल ने भारतीय निजी समाचार चैनलों से हटाई पाबंदी, प्रसारण सामग्री पर उठाए थे सवाल
नेपाल ने भारतीय निजी समाचार चैनलों से हटाई पाबंदी, प्रसारण सामग्री पर उठाए थे सवाल

काठमांडू, प्रेट्र। नेपाल के केबल टीवी संचालकों ने भारतीय निजी समाचार चैनलों पर लगी पाबंदियां आंशिक रूप से हटा दी हैं। केबल टेलीविजन संचालक संघ के उपाध्यक्ष धुर्ब शर्मा ने कहा कि केबल संचालकों की एक बैठक में भारतीय समाचार चैनलों पर लगी पाबंदी हटाने का फैसला किया गया है। केवल कुछ समाचार चैनल नेपाल में प्रतिबंधित हैं।

शर्मा ने कहा, 'आपत्तिजनक सामग्री का प्रसारण कर रहे कुछ समाचार चैनल अब भी देश में प्रतिबंधित हैं।' नेपाल में केबल टेलीविजन संचालक संघ ने दूरदर्शन को छोड़कर सभी भारतीय निजी समाचार चैनलों पर नेपाल की राष्ट्रीय भावना आहत करने वाली खबरें प्रसारित करने का आरोप लगाते हुए प्रसारण पर रोक लगा दी थी।

नेपाल सरकार ने केबल संचालकों का जताया था आभार

नेपाल के संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने भी भारतीय चैनलों के खिलाफ कार्रवाई करने पर केबल संचालकों का आभार जताया था। नेपाल ने शुक्रवार को भारत को एक 'राजनयिक टिप्पणी' भेजी और अपने देश तथा नेताओं के खिलाफ ऐसे कार्यक्रमों के प्रसारण पर कदम उठाने का अनुरोध किया जो उसके मुताबिक, 'फर्जी, निराधार और असंवेदनशील होने के साथ ही अपमानजनक' हैं।

नेपाल ने गुरुवार को दूरदर्शन के अलावा सभी भारतीय निजी चैनलों के प्रसारण पर रोक लगा दी थी। उसने आरोप लगाया था कि ये चैनल देश की भावनाओं को चोट पहुंचाने वाली खबरें प्रसारित कर रहे हैं।

नेपाल में प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की हो रही है आलोचना

बता दें कि भारत के उत्तराखंड राज्य में पड़ने वाले कालापानी, लिंपियाधुरा और लिपुलेख को लेकर दोनों देशों के संबंधों में तनाव जोरों पर है। वहीं, नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को अपने ही देश में आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। हाल ही में देश के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने कहा था कि राजनीतिक दल में चर्चाएं, परामर्श और असंतोष पूरी तरह से आंतरिक और कभी-कभी नियमित घटना है। इन सभी मुद्दों को बातचीत के माध्यम से पार्टी और संबंधित नेताओं द्वारा हल किया जाएगा।

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