शिखर सम्मेलन में अफगानिस्तान को प्रतीकात्मक विदाई देंगे बाइडन और उनके नाटो समकक्ष

अफगानिस्तान से अमेरिकी और सहयोगी देशों के सैनिकों की वापसी से पहले यह नाटो का आखिरी शिखर सम्मेलन है। सम्मेलन के दौरान इस बात पर भी विचार किया जाएगा कि नाटो को सबसे महत्वाकांक्षी अभियान के लिए क्या कीमत चुकानी पड़ी।

By Manish PandeyEdited By: Publish:Sun, 13 Jun 2021 03:11 PM (IST) Updated:Sun, 13 Jun 2021 03:11 PM (IST)
शिखर सम्मेलन में अफगानिस्तान को प्रतीकात्मक विदाई देंगे बाइडन और उनके नाटो समकक्ष
अमेरिकी सैनिकों की वापसी से पहले नाटो का यह आखिरी सम्मेलन।

ब्रसेल्स, एपी। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और उनके नाटो समकक्ष सोमवार को शिखर सम्मेलन के दौरान अफगानिस्तान को प्रतीकात्मक विदाई देंगे। अफगानिस्तान से अमेरिकी और सहयोगी देशों के सैनिकों की वापसी से पहले यह नाटो का आखिरी शिखर सम्मेलन है। सम्मेलन के दौरान इस बात पर भी विचार किया जाएगा कि नाटो को सबसे महत्वाकांक्षी अभियान के लिए क्या कीमत चुकानी पड़ी।

ब्राउन यूनिवर्सिटी के आंकड़ों के मुताबिक, 18 वर्षो तक चले अभियान में सिर्फ अमेरिका के 2,442 सैनिक मारे गए। अमेरिका के सहयोगी देशों के 1,144 सैनिकों को भी जान से हाथ धोना पड़ा। बताते चलें कि अभियान में मारे गए सैनिकों का रिकार्ड नाटो नहीं रखता है।

इस अभियान के दौरान अफगानिस्तान को भी अच्छा खासा नुकसान उठाना पड़ा। उसके 47,000 नागरिक और 69,000 राष्ट्रीय सशस्त्र बल तथा पुलिस के जवान मारे गए। इस अवधि में 51,000 विद्रोही लड़ाकों को भी मार गिराया गया।                                                                                 

अमेरिका के नेतृत्व वाले इस अभियान की सबसे बड़ी सफलता यह रही कि इस दौरान तालिबान को सत्ता से बेदखल किया गया। कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि अफगानिस्तान में दीर्घकालीन स्थिरता आई और सुरक्षा का परिदृश्य बेहतर हुआ। कार्नेगी इंडोमेंट फार इंटरनेशनल पीस में यूरोपीय कार्यक्रम के निदेशक एरिक ब्रैटबर्ग ने कहा, इस अवसर पर आप यह मान सकते हैं कि नाटो नेता शांतिपूर्वक अफगानिस्तान छोड़ना चाहते हैं। इसे एक बड़ा मुद्दा बनाने के बजाय वे अन्य बातों पर ध्यान देना चाहते हैं।

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