म्यांमार में 19 नागरिकों को सुनाई गई मौत की सजा, सेना ने कहा- कैप्टन की हत्या में पाए गए थे दोषी

म्यांमार में सेना के कैप्टन की हत्या में दोषी पाए गए 19 नागरिकों को मौत की सजा सुनाई गई है। यह घटना 27 मार्च को देश के सबसे बड़े शहर यंगून के उपनगर ओक्कलपा में हुई थी। इसके बाद यहां पर मार्शल लॉ लगा दिया गया था।

By Ramesh MishraEdited By: Publish:Sat, 10 Apr 2021 05:31 PM (IST) Updated:Sat, 10 Apr 2021 05:31 PM (IST)
म्यांमार में 19 नागरिकों को सुनाई गई मौत की सजा, सेना ने कहा- कैप्टन की हत्या में पाए गए थे दोषी
म्यांमार में सेना के कैप्टन की हत्या में 19 नागरिकों को सुनाई गई मौत की सजा। फाइल फोटो।

नेपिता, एजेंसियां। म्यांमार में सेना के कैप्टन की हत्या में दोषी पाए गए 19 नागरिकों को मौत की सजा सुनाई गई है। यह घटना 27 मार्च को देश के सबसे बड़े शहर यंगून के उपनगर ओक्कलपा में हुई थी। इसके बाद यहां पर मार्शल लॉ लगा दिया गया था। सरकार विरोधी प्रदर्शनों की बात करें तो शुक्रवार को एक बार फिर यंगून के पास बागो शहर में सुरक्षाबलों ने आंदोलनकारियों पर सीधी फायरिंग की। सेना के मुताबिक इस कार्रवाई में 10 लोग मारे गए हैं और उनके शव पैगोडा के अंदर पड़े हैं।

हताहतों की सही संख्या के बारे में पता नहीं चल सका

हालांकि, म्यांमार नाऊ और ऑनलाइन न्यूज मैग्जीन माकुन के मुताबिक कम से कम 20 लोग मारे गए हैं और कई अन्य घायल हुए हैं। हताहतों की सही संख्या के बारे में पता नहीं चल सका है, क्योंकि पैगोडा के आसपास के इलाके को सेना ने घेर रखा है। असिस्टेंट एसोसिएशन फॉर पॉलिटिकल प्रिजनर्स (एएपीपी) के मुताबिक तख्तापलट के बाद से अभी तक सुरक्षा बलों की कार्रवाई में छह बच्चों सहित 614 लोग मारे गए हैं। 2800 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है।

सेना ने कहा, तेजी से सामान्य हो रहे देश में हालात

सैन्य प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल जॉ मिन तुन ने कहा है कि तख्तापलट के खिलाफ हो रहे विरोध-प्रदर्शनों का सिलसिला थमता दिख रहा है, क्योंकि लोग शांति चाहते हैं। उन्होंने कहा कि देश में हालात तेजी से ठीक हो रहे हैं और सरकारी कार्यालय और बैंक जल्द ही पूरी क्षमता से काम करना शुरू कर देंगे। ब्रिगेडियर जनरल जॉ मिन तुन ने प्रदर्शनकारियों पर स्वचालित हथियारों का इस्तेमाल किए जाने के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि यदि ऐसा हुआ होता, तो कुछ ही घंटों में 500 लोग मारे गए होते। ब्रिगेडियर ने सेना की कार्रवाई में 248 लोगों के मारे जाने की बात स्वीकार की है। उन्होंने कहा कि 16 पुलिसकर्मी भी मारे गए हैं।

दो वर्ष के भीतर देश में कराएंगे नए चुनाव

सैन्य प्रवक्ता ने दो वर्ष के भीतर देश में नए चुनाव कराने की बात भी कही है। यह पहली बार है जब सेना ने नए चुनाव और देश में लोकतंत्र बहाली को लेकर कोई बयान दिया है। ब्रिगेडियर ने अपदस्थ नेता आंग सान सू की नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी के सदस्यों पर भी आगजनी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि विरोध-प्रदर्शनों के लिए विदेशों से मिलने वाले धन का उपयोग किया जा रहा है। हालंाकि उन्होंने इसका विवरण नहीं दिया।

आंदोलनकारियों के साहस से अभिभूत हैं 18 देशों के राजदूत

म्यांमार में 18 राजदूतों के एक समूह ने एक संयुक्त बयान में कहा कि आंदोलनकारी जिस तरह का साहस दिखा रहे हैं, वह वाकई बहुत सराहनीय है। हम उन सभी लोगों के साथ खड़े हैं जो स्वतंत्र और लोकतांत्रिक म्यांमार के पक्ष में हैं। ना केवल हिंसा को रोकना होगा, राजनीतिक बंदियों को रिहा करना होगा बल्कि लोकतंत्र को फिर से स्थापित करना होगा। इस बयान पर संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोपीय संघ, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, दक्षिण कोरिया, स्विट्जरलैंड और कई अन्य यूरोपीय देशों के राजदूतों ने हस्ताक्षर किए हैं।

10 पुलिसकर्मियों को मौत के घाट उतारा

जातीय गुटों के गठबंधन ने सेना के तख्तापलट का विरोध करते हुए शनिवार को देश के पूर्वी हिस्से में स्थित एक पुलिस थाने पर हमला कर दिया। इस हमले में 10 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई।

भारत ने सेना द्वारा की जा रही हिंसा की निंदा की

भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में शुक्रवार को कहा कि म्यांमार में लोकतंत्र बहाली को लेकर लगातार प्रयास होते रहना चाहिए। उसने इसके लिए अपनी प्रतिबद्धता भी जताई। संयुक्त राष्ट्र में भारत के उप स्थायी प्रतिनिधि के नागराज नायडू ने कहा कि नई दिल्ली म्यांमार में सेना द्वारा की जा रही हिंसा की निंदा करता है और लोगों की मौत पर गहरा शोक व्यक्त करता है। नागराज ने कहा कि सेना को संयम बरतते हुए मानवीय सिद्धांतों को भी बरकरार रखना चाहिए।

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