म्यांमार में जुंटा सैन्य शासन ने तख्तापलट का विरोध करने वाले पश्चिमी कस्बे पर बोला हमला
म्यांमार (Myanmar) के पश्चिमी चिन राज्य में एक कस्बे पर सैन्य शासन की ओर से भीषण हमले किए गए हैं। सत्तारूढ़ जुंटा ने सैन्य शासन के खिलाफ हुए सशस्त्र विद्रोह को देखते हुए मार्शल लॉ लगा दिया है।
बैंकॉक, एपी/रॉयटर। म्यांमार के पश्चिमी चिन राज्य में एक कस्बे पर सैन्य शासन की ओर से भीषण हमले किए गए हैं। सत्तारूढ़ जुंटा ने सैन्य शासन के खिलाफ हुए सशस्त्र विद्रोह को देखते हुए मार्शल लॉ लगा दिया है। अमेरिका और ब्रिटेन के दूतावासों ने इन घटनाओं पर चिंता जाहिर की है। चिनलैंड डिफेंस फोर्स के एक प्रवक्ता ने कहा कि यह संघर्ष शनिवार को सुबह छह बजे तब शुरू हुआ जब सरकारी सैनिकों ने हेलिकॉप्टरोंजरिए मिनदात कस्बे के पश्चिमी हिस्से में गोलाबारी की। इस घटना से कई घर तबाह हो गए।
मालूम हो कि चिनलैंड डिफेंस फोर्स आंग सान सूकी सरकार को सत्ता से बेदखल करने वाले सैन्य शासन के खिलाफ स्थानीय तौर पर बनाया गया मिलिशिया समूह है। मानवाधिकार संगठन चिन ने अपने बयान में बताया कि मिनदात कस्बे में अब भी घेराबंदी है। जुंटा के सैनिक हवा और जमीन से हमले कर रहे हैं। वहीं सांसदों की ओर से गठित नेशनल यूनिटी ने चेतावनी दी है कि यदि 48 घंटों में मिनदात कस्बा युद्धभूमि में बदल सकता है। इससे हजारों लोगों के विस्थापित होने का खतरा है।
इस बीच फेसबुक ने कथित तौर पर म्यांमार में कई संगठनों पर प्रतिबंध को बरकरार रखा है। जो 1 फरवरी को हुए सैन्य तख्तापलट का विरोध करने के लिए सेना में शामिल हो गए हैं। वहीं समाचार एजेंसी रॉयटर के मुताबिक पोप फ्रांसिस ने इटली में म्यांमार समुदाय के लिए एक विशेष प्रार्थना सभा में कहा कि म्यांमार के लोगों को बुराई के सामने निराश नहीं होना चाहिए और खुद में एकजुटता बनाए रखनी चाहिए। उन्होंने कहा, आपका प्रिय देश म्यांमार हिंसा, संघर्ष और दमन का सामना कर रहा है। पोप ने लोगों से यीशु मसीह के सूली पर चढ़ने से पहले के अंतिम घंटों से प्रेरणा लेने का आग्रह भी किया।