आंग सान सू की को मिली चार साल की जेल, सेना के खिलाफ असंतोष और कोविड प्रोटोकाल तोड़ने पर दोषी करार

नोबेल विजेता एवं म्यांमार की जन नेता आंग सान सू की को चार साल की सजा सुनाई गई है। उन्हें सेना के खिलाफ असंतोष व कोविड प्रोटोकाल तोड़ने पर दोषी करार दिया गया है। बता दें कि आंग सान सू की के खिलाफ म्यांमार में कई मुकदमे चल रहे हैं।

By Pooja SinghEdited By: Publish:Mon, 06 Dec 2021 12:25 PM (IST) Updated:Mon, 06 Dec 2021 12:25 PM (IST)
आंग सान सू की को मिली चार साल की जेल, सेना के खिलाफ असंतोष और कोविड प्रोटोकाल तोड़ने पर दोषी करार
आंग सान सू की मिली चार साल की जेल, सेना के खिलाफ असंतोष और कोविड प्रोटोकाल तोड़ने पर दोषी करार 

नेपीडाव, एएनआइ। नोबेल विजेता एवं म्यांमार की जन नेता आंग सान सू की को चार साल की सजा सुनाई गई है। उन्हें सेना के खिलाफ असंतोष व कोविड प्रोटोकाल तोड़ने पर दोषी करार पाया गया है। बता दें कि आंग सान सू की के खिलाफ म्यांमार में कई मुकदमे चल रहे हैं। उन पर भ्रष्टाचार, मतदान में धांधली का भी आरोप लगाया गया है। फिलहाल सेना ने उन्हें दो मामलों में दोषी ठहराया है। सैन्य शासन के खिलाफ आवाज उठाने वालों में आंग सान सू की बड़े नेताओं में से एक हैं। यही वजह है कि म्यांमार के अंदर उनकी लोकप्रियता आज भी बरकार है। 

सेना द्वारा राजधानी में गठित की गई विशेष अदालत की कार्यवाई से पत्रकारों को दूर रखा गया है। इससे पहले सू की के वकीलों पर मीडिया से बात करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। बता दें कि म्यांमार में तख्तापलट के बाद से भारी विरोध प्रदर्शन हुए थे।  इन लोगों की आवाज दबाने के लिए सेना ने हिंसक तरीकों का इस्तेमाल किया था। इस दौरान काफी संख्या में लोगों की मौत भी हुई थी। हलांकि, देश के बहुत से इलाकों में अब भी विरोध प्रदर्शन जारी हैं।

1 फरवरी को म्यांमार की सेना ने देश पर कब्जा करने के बाद सू की को हिरासत में ले लिया गया था। म्यांमार की अपदस्थ नेता आंग सान सू की देश के स्वतंत्रता नायक जनरल आंग सान की बेटी हैं, जिनकी 1947 में हत्या कर दी गई थी। सू की 1960 में अपनी मां के साथ नई दिल्ली आ गई थीं। उनकी मां को भारत में राजदूत नियुक्त किया गया था। इसके बाद उन्होंने अपना अधिकांश युवा जीवन संयुक्त राज्य और इंग्लैंड में बिताया। जहां 1972 में उन्होंने आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में हिमालयन स्टडीज के ब्रिटिश स्कालर माइकल एरिस से शादी की। राजनीति में उनका करियर 1988 में शुरू हुआ था

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