तालिबानी शासन में भी अफगानियों की मदद कर रही एमएसएफ, बच्चों व महिलाओं का रखा जा रहा खास ध्यान
अफगानिस्तान के लोग चिकित्सा सहायता के लिए संघर्ष कर रहे हैं ऐसे में एमएसएफ की टीमें जरूरतमंदों की मदद कर रही हैं। शिन्हुआ न्यूज एजेंसी के अनुसार एमएसएफ आपातकालीन सेवाओं तथा बच्चों व महिलाओं की सेहत से संबंधित सुविधाओं पर ध्यान दे रही है।
काबुल, आइएएनएस। अंतरराष्ट्रीय चिकित्सा सहायता एजेंसी डाक्टर्स विदाउट बोर्डर्स (एमएसएफ) ने दावा किया है कि उसके सदस्य तालिबान द्वारा सत्ता पर कब्जा किए जाने के बाद भी अफगानिस्तान के जरूरतमंद लोगों की मदद कर रहे हैं।
एजेंसी की वेबसाइट पर जारी बयान के मुताबिक, अफगानिस्तान के लोग चिकित्सा सहायता के लिए संघर्ष कर रहे हैं, ऐसे में एमएसएफ की टीमें जरूरतमंदों की मदद कर रही हैं। शिन्हुआ न्यूज एजेंसी के अनुसार, 'एमएसएफ आपातकालीन सेवाओं तथा बच्चों व महिलाओं की सेहत से संबंधित सुविधाओं पर ध्यान दे रही है। अफगानिस्तान में मातृ मृत्युदर दुनिया में सबसे ज्यादा है।'
तालिबान व उज्बेकिस्तान के अधिकारियों ने सीमा सुरक्षा पर की बात
ताशकंद के विदेश मंत्रालय ने बताया कि तालिबान के प्रतिनिधिमंडल व उज्बेकिस्तान के अधिकारियों ने आर्थिक व सीमा सुरक्षा आदि मुद्दों पर वार्ता की। अफगानिस्तान की सीमा पर स्थित उज्बेकिस्तानी शहर टरमेज में शनिवार को हुई वार्ता के दौरान ऊर्जा क्षेत्र व अंतरराष्ट्रीय माल परिवहन के मुद्दों पर भी चर्चा हुई। उज्बेकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का प्रतिनिधित्व प्रधानमंत्री सरदार उमुरजाकोव व तालिबानी प्रतिनिधिमंडल की अगुआई कार्यवाहक उप प्रधानमंत्री अब्दुल सलाम हनाफी ने की।
आपातकालीन सहायता के लिए धन की है तत्काल आवश्यकता
वहीं, दूसरी ओर पिछले दिनों संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी (यूएनएचसीआर) ने अफगानिस्तान के लिए चेतावनी जारी की। इसमें कहा गया कि आने वाले दिनों में गिरते तापमान के कारण संकट ग्रस्त अफगानिस्तान में हालात और गंभीर हो सकते हैं। एजेंसी ने कहा कि अफगानिस्तान में मानवीय संकट लगातार बिगड़ रहा है और वहां 20 मिलियन (2 करोड़) लोगों की मदद के लिए आपातकालीन सहायता के लिए धन की तत्काल आवश्यकता है।
गौरतलब है कि अगस्त मध्य में अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद से वहां के हालात दिन पर दिन खराब होते जा रहे हैं। अफगान की महिलाओं और बच्चों पर तालिबान शासन द्वारा कई तरह के प्रतिबंध लगाए गए हैं। वैश्विक नेताओं ने भी संयुक्त राष्ट्र के मंच पर अफगान मुद्दे पर अपनी खुल कर राय व्यक्त की और तालिबान की आलोचना की है।