शांति वार्ता पर अफगानिस्तान सरकार और तालिबान प्रतिनिधिमंडल के बीच बैठक अगस्त में

अफगानिस्तान सरकार और तालिबान के प्रतिनिधिमंडलों के बीच बैठक अगलेे महीने यानी अगस्त में होगी। पहली बैठक जुलाई के शुरुआत में कतर में हुई थी अफगानिस्तान में शांति और बैठकों को जारी रखने बैठक में दोनों पक्षों ने सहमति भरी थी।

By Avinash RaiEdited By: Publish:Mon, 26 Jul 2021 10:36 AM (IST) Updated:Mon, 26 Jul 2021 10:36 AM (IST)
शांति वार्ता पर अफगानिस्तान सरकार और तालिबान प्रतिनिधिमंडल के बीच बैठक अगस्त में
शांति वार्ता पर अफगानिस्तान सरकार और तालिबान प्रतिनिधिमंडल के बीच बैठक अगस्त में

काबुल (अफगानिस्तान), एएनआइ। अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बीच तालिबान के बढ़ते कदम से अफगानिस्तान सरकार परेशान हो गई है। टोलो न्यूज ने रविवार को सूचना दी कि अफगानिस्तान सरकार और तालिबान के प्रतिनिधिमंडलों के बीच बैठक अगले महीने यानी अगस्त में होगी। पहली बैठक जुलाई के शुरुआत में कतर में हुई थी, अफगानिस्तान में शांति और बैठकों को जारी रखने बैठक में दोनों पक्षों ने सहमति भरी थी।

दोहा वार्ता टीम के एक सूत्रों का हवाला देते हुए, टोलो न्यूज ने बताया कि 31 अगस्त तक अमेरिका द्वारा वापसी को देखते हुए इन बैठकों के माध्यम से शांति वार्ता के लिए एक रूपरेखा तैयार की जाएगी। तालिबान के पूर्व कमांडर सैयद अकबर आगा ने कहा है, 'अगर कोई आधिकारिक टीम इस बार बैठक में शामिल होती है तो यह मददगार होगा, लेकिन अगर प्रतिनिधिमंडल के पास कम अधिकार है, तो इसका कोई नतीजा नहीं होगा।'

यूएस सेंट्रल कमांड (सेंटकॉम) के चीफ जनरल केनेथ मैकेंजी ने रविवार को कहा कि अमेरिका अफगान सुरक्षा बलों के समर्थन में तालिबान आतंकियों के खिलाफ हवाई हमले जारी रखेगा। मैकेंजी ने आगे कहा कि हमने अफगान सुरक्षा बलों के समर्थन में पिछले दिनों अपने हवाई हमले बढ़ाए हैं और आने वाले दिनों में यह हमले और अधिक हो सकते हैं।

राष्ट्रीय सुलह के लिए उच्च परिषद के प्रमुख अब्दुल्ला ने हाल ही में कहा था कि अफगानिस्तान में संघर्ष का कोई सैन्य समाधान नहीं है। दोनों पक्षों के लिए ​शांतिपूर्ण समाधान युद्ध जारी रखने की तुलना में बहुत बेहतर विकल्प है, इसलिए हम इन प्रयासों को जारी रखेंगे।

विशेषज्ञों का मानना है कि दोहा शांति वार्ता में तेजी लाई जानी चाहिए और इसमें अधिक समय नहीं लगना चाहिए। आपकों बता दें कि तालिबान ने दावा किया है कि पूरे अफगानिस्तान के 85 प्रतिशत हिस्से पर तालिबान का कब्जा हो चुका है और कई जगह लड़ाई अभी जारी है। 

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