इजरायल में लॉकडाउन के बीच भारी प्रदर्शन, प्रधानमंत्री नेतन्याहू के इस्तीफे की मांग
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि नेतन्याहू को पद छोड़ देना चाहिए क्योंकि उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले चल रहे हैं। कोरोना महामारी से ठीक से न निपट पाने के कारण भी लोगों में नेतन्याहू के प्रति नाराजगी है।
यरुशलम, एजेंसी। इजरायल में लॉकडाउन के बावजूद शनिवार रात हजारों लोग प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के सरकारी आवास के बाहर जमा हो गए। वे प्रधानमंत्री से इस्तीफे की मांग कर रहे थे। देश में कोरोना संक्रमण के मामलों में भारी वृद्धि के मद्देनजर शुक्रवार से सख्त लॉकडाउन लागू है। नेतन्याहू प्रदर्शनों पर भी प्रतिबंध लगाना चाहते हैं, लेकिन संसद में सहमति नहीं बन पाई है।
बहरहाल, तीन महीने से नेतन्याहू के आवास के बाहर प्रदर्शनकारी जमा हो रहे हैं और इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि नेतन्याहू को पद छोड़ देना चाहिए, क्योंकि उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले चल रहे हैं। कोरोना महामारी से ठीक से न निपट पाने के कारण भी लोगों में नेतन्याहू के प्रति नाराजगी है। प्रदर्शनकारियों में बड़ी संख्या उन युवाओं की है, जिन्होंने आर्थिक आपदा के कारण अपनी नौकरी गंवा दी है।
शनिवार रात के प्रदर्शन में शोर-शराबा तो बहुत हुआ, लेकिन शारीरिक दूरी के नियम नहीं टूटे। इस दौरान इजरायली झंडे भी लहराये गए, जिन पर नेतन्याहू के खिलाफ नारे लिखे हुए थे। इजरायल में कोरोना के कुल 2,26,000 मामले सामने आए हैं। इनमें से 1,417 लोगों की मौत हो चुकी है। 61,000 से ज्यादा एक्टिव केस हैं।
इजरायल में सख्त हुआ लॉकडाउन
इजरायल में कोरोना महामारी का प्रकोप बढ़ने पर दोबारा लगाए गए लॉकडाउन को सख्त कर दिया गया है। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की अध्यक्षता में कैबिनेट की गुरुवार को हुई बैठक में इस बारे में निर्णय लिया गया। नेतन्याहू ने यह चिंता जताई कि संक्रमण बढ़ने से देश में हालात बदतर हो सकते हैं। इजरायल में अब तक दो लाख से ज्यादा संक्रमित पाए गए हैं।
इजरायल में दूसरे दौर की महामारी बढ़ने पर गत 18 सितंबर को फिर से लॉकडाउन लगा दिया गया था। हालांकि इस उपाय के बावजूद रोजाना के नए मामलों में कमी नहीं आई। 90 लाख की आबादी वाले इस यहूदी देश में पिछले हफ्ते रोजाना तकरीबन सात हजार नए संक्रमित पाए गए। इसलिए लॉकडाउन को अब सख्त कर दिया गया है।