40 घंटों से बिना ऑक्सीजन सिलेंडर और पानी के था पर्वतारोही, राहत दल ने ऐसे बचाई जान

मलेशिया का पर्वतारोही वूई किन चिन 40 घंटों तक बिना खाना पानी और ऑक्सिजन के अन्नपूर्णा पर्वत शिखर पर रहे।

By Ayushi TyagiEdited By: Publish:Fri, 26 Apr 2019 03:45 PM (IST) Updated:Fri, 26 Apr 2019 03:45 PM (IST)
40 घंटों से बिना ऑक्सीजन सिलेंडर और पानी के था पर्वतारोही, राहत दल ने ऐसे बचाई जान
40 घंटों से बिना ऑक्सीजन सिलेंडर और पानी के था पर्वतारोही, राहत दल ने ऐसे बचाई जान

काठमांडु, एपी। अन्नपूर्णा के शिखर के पास लगभग दो दिन अकेले फंसे रहने के बाद शुक्रवार को नेपाल की राजधानी के एक अस्पताल में एक मलेशियाई पर्वतारोही का इलाज किया जा रहा था। पर्वतारोही का की खोज कर रहे बचाव दल ने हेलीकॉप्टर से पर्वतारोही का वूई किन चिन को हाथ हिलाते हुए देखा। बचाव दल ने उसे वहा से निकाला और पहाड़ी से नीचे शिवर में ले आए। 

सेवन समिट ट्रेक्स के प्रमुख मिंगमा शेरपा जिन्होंने चिन के ढुंढने का अभियान चलाया, उन्होंने बताया कि जिस वक्त चिन को बचाया गया तब उसके पास पिछले 40 घंटों से आक्सीजन सिलेंडर, खाना और पानी कुछ भी नहीं था। शुक्रवार को चिन को फिलहाल, काठमाडु के एक अस्पताल में ले जाया गया। चिन की पत्नी भी अस्पताल में पहुंच गई हैं। चिन एक एनेस्थेसियोलॉजिस्ट और निपुण पर्वतारोही है, और शेरपा ने चिन के चिकित्सा ज्ञान और पहाड़ों के साथ परिचित होने का श्रेय देते हुए कहा कि इस वजह से ही चिन जीवित रह पाए। 

शेरपा ने कहा कि ये अपने आप में चुनौती है कि इतना ज्यादा तापमान में बिना खाना, पानी और आक्सीजन के जिंदा रहना। शेरपा ने कहा कि फिलहाल, चिन ठीक है लेकिन चलने की स्थिति में नहीं है। दरअसल, चिन एक 13-सदस्यीय अभियान का एक हिस्सा था जो एक फ्रांसीसी पर्वतारोही के नेतृत्व में चलाया जा रहा था। इसमें सभी पर्वतारोही पहाड़ी की चढ़ाई कर रहे थे लेकिन, चिन बीच में ही उनसे अलग हो गए। नेपाल की 8,091 मीटर (26,545 फुट) माउंट अन्नपूर्णा नौवां सबसे उंचा पर्वत है। यहां मौसम की स्थिति और कठीन चढ़ाई के कारण  विश्वासघाती पर्वत माना जाता है।

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