आर्थिक संकट के बादलों से घिरा लेबनान, लोगों को बैंकों पर विश्वास नहीं, शराब पर कर रहे हैं निवेश

लेबनानी बीयर 961 के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कमल फयाद ने अपने एक बयान में कहा कि अगर आप आज मेरे साथ फंसे हुए डॉलर का निवेश करते हैं तो मैं इसे आपको नए डॉलर में वापस करूंगा ।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Publish:Thu, 17 Jun 2021 05:45 PM (IST) Updated:Thu, 17 Jun 2021 05:49 PM (IST)
आर्थिक संकट के बादलों से घिरा लेबनान, लोगों को बैंकों पर विश्वास नहीं, शराब पर कर रहे हैं निवेश
डॉलर्स को निवेश करने के लिए शराब के निर्यातक पहली पसंद बने हुए हैं।

बेरूत, रॉयटर्स। लेबनान इस वक्त दुनिया के सबसे बड़े आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है। देश में ये स्थिति हो गई है कि, वहां के लोग बैंकों में फंसी अपनी जमा पूंजी को लेकर चिंता में हैं। देश में कुछ लोग बैंक में फंसी अपनी रकम को छोड़ने का विचार कर रहे हैं। तो कुछ लोग भारी नुकसान उठाकर निवेश का रास्ता अपना रहे हैं।

लेकिन आर्थिक संकट के इस दौर में लेबनान के कुछ बाशिंदों ने बीच का रास्ता भी निकाला है। साल 2019 में जब लेबनानी पाउंड क्रैश हुआ उस वक्त बहुत से लोगों ने अपने बैंक अकाउंट लॉक करा दिए। इसी बीच कुछ लोगों ने देश की एक्सपोर्ट कंपनियों में निवेश के बारे में विचार किया। इससे वो अपने डॉलर्स के बदले में कुछ और प्राप्त करने के तरीके के रूप में देखते हैं। डॉलर्स को निवेश करने के लिए शराब के निर्यातक पहली पसंद बने हुए हैं। इनमें से भी क्राफ्ट ब्रुअर्स और जिन मर्चेंट एक लोकप्रिय विकल्प हैं।

लेबनानी बीयर 961 के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कमल फयाद ने अपने एक बयान में कहा कि, अगर आप आज मेरे साथ फंसे हुए डॉलर का निवेश करते हैं तो मैं इसे आपको नए डॉलर में वापस करूंगा।

अनौपचारिक पूंजी नियंत्रण के अनुसार, जमाकर्ता अभी भी अपने यू.एस. डॉलर मूल्यवर्ग के खातों के आधार पर चेक जारी कर सकते हैं। लेकिन ये चेक विदेशों में इस्तेमाल नहीं किए जा सकेंगे। साथ ही स्थानीय एक्सचेंजों में इसे जमा करने पर आपको अपनी रकम का 75 फीसद गवाना पड़ेगा।

देश की आधी से ज्यादा आबादी गरीबी में गुजर बसर कर रही

आर्थिक मंदी के कारण देश की आधी से ज्यादा आबादी गरीबी में गुजर बसर कर रही है। आर्थिक मंदी के कारण लोगों की जमा पूंजी को भी खत्म हो गई है, साथ ही लोगों की खरीद फरोख्त करने की शक्ति को भी कम कर दिया गया है।

अंतर्राष्ट्रीय निवशकों ने कहा है कि वे तभी मदद करेंगे जब देश में भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए बड़े सुधारों को लागू किया जाएगा। लेकिन एक नई सरकार के गठन को लेकर करीब एक साल तक चले गतिरोध का मतलब है कि अभी जल्द में ऐसा कोई कदम नहीं उठाया जाएगा।

chat bot
आपका साथी