बेरूत में दो सप्ताह का आपातकाल घोषित, राजधानी की सुरक्षा सेना के हवाले

यह धमाका बेरुत बंदरगाह के पास स्थित विशाल अनाज गोदाम में हुआ। इसके चलते देश में महीनेभर के लिए भी अनाज का स्टॉक नहीं बचा है।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Wed, 05 Aug 2020 09:17 PM (IST) Updated:Wed, 05 Aug 2020 09:17 PM (IST)
बेरूत में दो सप्ताह का आपातकाल घोषित, राजधानी की सुरक्षा सेना के हवाले
बेरूत में दो सप्ताह का आपातकाल घोषित, राजधानी की सुरक्षा सेना के हवाले

बेरूत, रायटर। मंगलवार को शहर को हिला देने वाले बड़े पैमाने पर हुए विस्फोट के बाद लेबनान के मंत्रिमंडल ने बुधवार को बेरूत में दो सप्ताह के आपातकाल की घोषणा की और राजधानी में सेना को सुरक्षा का नियंत्रण सौंप दिया। यह धमाका बेरुत बंदरगाह के पास स्थित विशाल अनाज गोदाम में हुआ। इसके चलते देश में महीनेभर के लिए भी अनाज का स्टॉक नहीं बचा है।

सूचना मंत्री द्वारा पढ़े गए विज्ञप्ति के अनुसार, कैबिनेट ने सेना को निर्देश दिया हैै कि 2014 के बाद से गोदाम में भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री मिलती है तो किसी को भी गिरफ्तार किया जा सकता है। गोदाम में छह साल से रखा था 2,750 टन अमोनियम नाइट्रेट। आतिशबाजी से गोदाम में आग लगने और विस्फोट होने का अंदेशा है।

गृह युद्ध से जूझ रहे बेरूत ने ऐसा धमाका पहले कभी नहीं देखा

इजरायल से संघर्ष, गृह युद्ध और आतंकी हमलों से जूझ रहे लेबनान की राजधानी बेरूत ने मंगलवार जैसा धमाका पहले कभी नहीं देखा। यहां किसी जंग के बाद जैसा दृश्य था। कम से कम 100 लोगों की मौत हो चुकी है। 4000 से अधिक लोग अस्पतालों में भर्ती हैं।

बेरूत के गवर्नर ने रोते हुए कहा- जिंदगी में इतनी तबाही कभी नहीं देखी

धमाका कितना भीषण था, इसका अंदाजा बेरूत के गवर्नर मारवन अबोद के बयान से लगाया जा सकता है। वे रोते हुए बोले, 'जैसा जापान के हिरोशिमा और नागासाकी में हुआ, मुझे वैसा ही महसूस हुआ। जिंदगी में इतनी तबाही कभी नहीं देखी।' धमाके की गूंज 160 किलोमीटर दूर साइप्रस तक सुनाई दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर गहरा दुख जताया है।

देश में अनाज की होगी कमी

यह धमाका बेरुत बंदरगाह के पास स्थित विशाल अनाज गोदाम में हुआ। इसके चलते देश में महीनेभर के लिए भी अनाज का स्टॉक नहीं बचा है।

राष्ट्रपति मिशेल ओउन ने कहा- लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जा सकती

राष्ट्रपति मिशेल ओउन ने कहा कि 2014 में एक जहाज से जब्त 2,750 टन अमोनियम नाइट्रेट यहां रखा हुआ था। इसका इस्तेमाल फर्टिलाइजर और बम बनाने में किया जाता है। बिना किसी सुरक्षा इंतजाम के, यह छह साल तक यूं ही पड़ा रहा। ऐसी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जा सकती। दोषियों को कठोर दंड जरूर मिलेगा।

प्रधानमंत्री हसन दिएब ने कहा- यह लापरवाही अक्षम्य है

प्रधानमंत्री हसन दिएब ने भी रक्षा परिषद की बैठक में कहा, 'यह लापरवाही की हद है कि गोदाम में बिना किसी सुरक्षा इंतजाम के अमोनियम नाइट्रेट का इतना बड़ा जखीरा रखा रहा। यह अक्षम्य है। इस पर हम मूकदर्शक नहीं बने रह सकते।'

आतिशबाजी से लगी आग

विस्फोट के शुरुआती क्षणों के वीडियो से संकेत मिलता है कि गोदाम में आग लगने की वजह आतिशबाजी हो सकती है। विशेषज्ञों के अनुसार, आग की लपटों के बीच कुछ चीजें साफ देखी-सुनी जा सकती हैं। जैसे कि चिंगारी, लावा फूटने और सीटी बजने जैसी आवाजें। पटाखों में सामान्य रूप से यही होता है। यह महज एक दुर्घटना लगती है। वैसे भी, अमोनियम नाइट्रेट में खुद विस्फोट नहीं हो सकता। धमाके के लिए इसे चिंगारी की जरूरत होती है। इससे पहले, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि उनके सैन्य अधिकारियों के मुताबिक यह कोई दुर्घटना नहीं लगती। यह किसी बम हमले का नतीजा हो सकता है।

हर तरफ बर्बादी, बारूद की गंध

बुधवार की सुबह यहां किसी जंग के बाद जैसा दृश्य था। हर तरफ बर्बादी और बारूद की गंध। धुआं अब भी उठ रहा था। धमाके से आसपास की अनगिनत इमारतें ध्वस्त हो चुकी थीं। स्थानीय मीडिया के अनुसार, धमाके के बाद अस्पतालों में अफरा-तफरी की स्थिति पैदा हो गई। कई घायलों को वक्त पर इलाज नहीं मिल पाया। गवर्नर मारवन अबोद के मुताबिक, इस धमाके के कारण करीब तीन लाख लोग बेघर हो गए हैं।

संयुक्त राष्ट्र ने जताया शोक

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतेरस ने इस घटना पर गहरा दुख जताते हुए मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।

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