जुलाई में वैश्विक स्तर पर गर्मी ने ढाया सितम, यूरोपीय संघ के वैज्ञानिकों का दावा- ‘जलवायु में लगातार हो रहा है परिवर्तन’

इस साल जुलाई में गर्मी ने कई सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया। विश्व के कई देशों में रिकॉर्ड स्तर की गर्मी दर्ज की गई यूरोपीय संघ के वैज्ञानिकों के मुताबिक फिनलैंड से लेकर अमेरिका के कई इलाकों में असामान्य रूप से उच्च तापमान दर्ज किया गया है।

By Amit KumarEdited By: Publish:Thu, 05 Aug 2021 10:00 PM (IST) Updated:Thu, 05 Aug 2021 10:00 PM (IST)
जुलाई में वैश्विक स्तर पर गर्मी ने ढाया सितम, यूरोपीय संघ के वैज्ञानिकों का दावा- ‘जलवायु में लगातार हो रहा है परिवर्तन’
Last month was worlds third hottest july record eu scientists

ब्रुसेल्स, रॉयटर्स: जुलाई के महीने में बारिश शुरू होने के साथ ही गर्मी का प्रकोप धीरे-धीरे कम होने लगता है, लेकिन इस साल जुलाई में गर्मी ने कई सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया। विश्व के कई देशों में रिकॉर्ड स्तर की गर्मी दर्ज की गई, यूरोपीय संघ के वैज्ञानिकों के मुताबिक फिनलैंड से लेकर अमेरिका के कई इलाकों में असामान्य रूप से उच्च तापमान दर्ज किया गया है।

विश्व के जलवायु में लगातार परिवर्तन

अमेरिका समेत यूरोप के देशों में गर्मी का आलम यह है कि, पोर्टलैंड, ऑरेगॉन और कनाडा के वैंकूवर में तापमान 49.5 डिग्री सेल्सियस के स्तर पर पहुंच चुका है और हैरान करने वाली बात यह है कि, यूरोप और साइबेरिया तक में गर्म हवाएं चल रही हैं। यह एक दीर्घकालिक वार्मिंग प्रवृत्ति के नवीनतम संकेत हैं, जिसने पिछले सात सालों के दौरान गर्मी का रिकॉर्ड दर्ज किया है। क्योंकि ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन के कारण लगातार जलवायु में बदलाव हो रहा है।

हीटवेव के कारण बिगड़े हालात

यूरोपीय संघ के कोपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस के वरिष्ठ वैज्ञानिक फ़्रीजा वैंबोर्ग के मुताबिक, साल दर साल वैश्विक तापमान में बदलाव देखा जा रहा है। उन्होंने बताया कि, बीते कई सालों में जुलाई के महीने में रिकॉर्ड स्तर की गर्मी दर्ज की गई। वैज्ञानिकों के मुताबिक जुलाई के महीने में विश्व के कई देशों में गर्मी अपने चरम पर थी, जिसके चलते हीटवेव ने लोगों का जीवन दूभर कर दिया। साथ ही आशंका जाहिर की जा रही है कि, भीषण गर्मी के कारण भारी बारिश भी हो सकती है।

गर्मी के कारण बने बाढ़ के हालात

अमेरिका और कनाडा में जून के दौरान शुरू हुई रिकॉर्ड तोड़ गर्मी ने सैकड़ों लोगों की जान ले ली और जंगल में आगजनी की घटनाओं को अंजाम दिया। वहीं, चीन-बेल्जियम और जर्मनी में अत्यधिक बारिश के चलते घातक बाढ़ ने सैकड़ों लोगों को बेघर कर दिया। कोपरनिकस ने बताया कि, ऑस्ट्रेलिया के ट्रौपिकल उत्तर में पिछले महीने उच्चतम दैनिक तापमान दर्ज किया गया। जबकि उत्तरी अफ्रीका में तापमान सामान्य से लगभग हर जगह अधिक था। वहीं, जर्मनी और रूस के कुछ हिस्सों समेत कुछ अन्य क्षेत्र औसत से थोड़े ज्यादा ठंडे रहे।

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