कोरियाई युद्ध की 68वीं वर्षगांठ पर किम जोंग उन ने फ्रेंडशिप टॉवर पर मारे गए सैनिकों को दी श्रद्धांजलि

कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (KCNA) की रिपोर्ट के अनुसार किम जोंग उन के साथ पार्टी की केंद्रीय समिति के संगठनात्मक मामलों के सचिव जो योंग-वोन और वर्कर्स की केंद्रीय समिति के उपाध्यक्ष री प्योंग-चोल भी शामिल रहे ।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 02:02 PM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 02:13 PM (IST)
कोरियाई युद्ध की 68वीं वर्षगांठ पर किम जोंग उन ने फ्रेंडशिप टॉवर पर मारे गए सैनिकों को दी श्रद्धांजलि
कोरियाई युद्धविराम की 68वीं वर्षगांठ पर श्रद्धांजलि देते किम जोंग उन

सियोल, आइएएनएस। उत्तर कोरिया के सुप्रीम नेता किम जोंग-उन (Kim Jong un) ने प्योंगयांग में फ्रेंडशिप टॉवर का दौरा कर युद्ध में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी। इस टॉवर को 1950-53 के कोरियाई युद्ध में चीन की भागीदारी के उपलक्ष्य में बनाया गया था। बुधवार को युद्धविराम की 68वीं वर्षगांठ के अवसर पर किम जोंग उन द्वारा इसका माल्यार्पण किया गया और मारे गए लोगों और सैनिकों को श्रद्धांजलि दी गई। कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी (KCNA) की रिपोर्ट के अनुसार किम के साथ पार्टी की केंद्रीय समिति के संगठनात्मक मामलों के सचिव जो योंग-वोन और वर्कर्स की केंद्रीय समिति के उपाध्यक्ष री प्योंग-चोल भी शामिल रहे।

योनहाप न्यूज एजेंसी ने केसीएनए के हवाले से बताया कि फ्रेंडशिप टॉवर के कार्यक्रम में किम ने अपने भाषण में जोर देकर कहा कि चीन के साथ उत्तर कोरिया के समान संबंध पीढ़ी दर पीढ़ी'ऐसे ही जारी रहेंगे।

स्मारक को फ्रेंडशिप टॉवर के रूप बनाया गया

1950-1953 कोरियाई युद्ध में लड़ने वाले चीनी पीपुल्स वालंटियर्स (CPV) को समर्पित एक स्मारक को फ्रेंडशिप टॉवर के रूप 1959 में बनाया गया था। उत्तर कोरिया और चीन ने प्योंगयांग और वाशिंगटन के बीच गतिरोध परमाणु वार्ता के बीच अपने करीबी और मैत्रीपूर्ण संबंधों पर जोर दिया है।

बता दें कि चीन ने कोरियाई युद्ध के दौरान दक्षिण कोरिया और अमेरिका के नेतृत्व वाली संयुक्त राष्ट्र सेना के खिलाफ उत्तर कोरिया के साथ लड़ाई लड़ी थी। यह लड़ाई एक युद्धविराम के साथ समाप्त हुई थी।

हाल ही में चीनी राष्ट्रपति से किम जोंग ने संदेशों का किया था आदान-प्रदान

गौरतलब है कि इस महीने की शुरुआत में किम और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपनी दोस्ती की संधि पर हस्ताक्षर करने की 60 वीं वर्षगांठ को चिह्नित करने के लिए संदेशों का आदान-प्रदान किया था। शीर्ष नेताओं ने दोनों देशों के संबंधों को और मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता पर बल दिया था।

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