उत्तरी अफगानिस्तान में हजारा समुदाय की खोज में आए थे IS, किया था मशीनगन से हमला

हजारा समुदाय के लोगों की खोज में आए इस्लामिक स्टेट के आतंकियों ने अफगानिस्तान के उत्तरी बागलान प्रांत में हमला किया था जिसमें 10 की मौत और 16 जख्मी हो गए थे। अफगानिस्तान में शिया मुस्लिमों की एक कौम ही हजारा समुदाय है।

By Monika MinalEdited By: Publish:Thu, 10 Jun 2021 03:51 PM (IST) Updated:Thu, 10 Jun 2021 03:51 PM (IST)
उत्तरी अफगानिस्तान में हजारा समुदाय की खोज में आए थे IS, किया था मशीनगन से हमला
उत्तरी अफगानिस्तान में हजारा समुदाय की खोज में आए थे IS, किया था मशीनगन से हमला

काबुल, एपी। अफगानिस्तान (Afghanistan) के उत्तरी बागलान (Baghlan) प्रांत में इस सप्ताह हुए घातक हमले की जिम्मेवारी इस्लामिक स्टेट ने ली है। इस हमले में दस वर्करों की मौत और 16 लोग जख्मी हो गए। यह हमला डिमाइनिंग आर्गेनाइजेशन के HALO Trust में हुआ। बुधवार देर रात जारी बयान में कहा कि IS के आतंकियों ने मशीन गन से फायरिंग की थी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बंदूकधारी हमलावर हाजरस (Hazaras) समुदाय के लोगों की खोज में थे। बता दें कि अफगानिस्तान के अधिकतर हिस्सों में ये शिया मुस्लिम हैं। वहीं उत्तरी अफगानिस्तान में ये सुन्नी मुसलमान है।

अभी यह स्पष्ट नहीं है कि IS बंदूकधारियों को इस बात की जानकारी थी कि वहां मौजूद सुन्नी मुस्लिमों के बीच हजारा समुदाय के लोग मौजूद हैं। पैर में जख्म का इलाज करा रहे अस्पताल में भर्ती शेख मोहम्मद ( Sheikh Mohammad) ने हमले की भयावहता को याद करते हुए बताया कि हमलावरों ने सवाल किया था, 'तुम सब में हजारा कौन है? और तुममें से कौन तालिबान के साथ काम करता है?' बता दें कि अफगानिस्तान में तालिबान के शासन में हजारा समुदाय का बहुत शोषण हुआ। तालिबानी आतंकी हजारा समुदाय पर न केवल हमला करते बल्कि समुदाय की महिलाओं के साथ भी बुरा सलूक करते हैं। 

पाकिस्तान और अफगानिस्तान में बसने वाली शिया मुस्लिमों की एक कौम ही हजारा समुदाय है। हजारा फारसी, मंगोलियाई और तुर्क वंश का एक अफगान जातीय अल्पसंख्यक समूह है। इन्हें मंगोल शासक चंगेज खान का वंशज भी माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि मंगोल सेना में सैनिकों का दस्ता होता था संभव है कि हजारा समुदाय की उत्पत्ति वहीं से हुई हो। हजारा समुदाय के लोग शिया मुसलमान होते हैं। माना जाता है कि हजारा 16 वीं शताब्दी की शुरुआत में फारस में सफवी राजवंश के समय में शिया धर्म में परिवर्तित हो गए थे। चूंकि, अफगानिस्तान में अधिकांश सुन्नी मुसलमान हैं, इसलिए हजारा समुदाय के ऊपर सदियों से जुर्म और भेदभाव भेदभाव किया जाता रहा है। तालिबान शासन के दौरान हजारा समुदाय के लाखों लोगों का नरसंहार कर दिया गया।

chat bot
आपका साथी