पूर्वी अफगानिस्तान में मीडिया वर्करों पर IS ने किया था हमला, इंटेलीजेंस ग्रुप SITE ने दी जानकारी
इस्लामिक स्टेट ने पूर्वी अफगानिस्तान में तीन महिला मीडिया वर्करों पर किए हमले की जिम्मेवारी ली। इंटेलीजेंस एजेंसी SITE के अनुसार अफगानिस्तान में मौजूद आतंकी समूह ने कहा कि इसके लड़ाकों ने जलालाबाद के टेलीविजन स्टेशन की तीन महिला कर्मचारियों पर हमला किया था।
काबुल, रॉयटर्स। इस्लामिक स्टेट (IS) ने मंगलवार शाम को पूर्वी अफगानिस्तान में तीन महिला मीडिया वर्करों पर किए हमले की जिम्मेवारी ली। इंटेलीजेंस एजेंसी SITE के अनुसार, अफगानिस्तान में मौजूद आतंकी समूह ने कहा कि इसके लड़ाकों ने जलालाबाद के टेलीविजन स्टेशन की तीन महिला कर्मचारियों पर हमला किया था। एनिकास टीवी (Enikas TV) के लिए काम करने वाली इन तीनों महिलाओं की उम्र 18 से 20 साल के बीच थी। ये सभी अपने काम से लौट रहीं थीं।
आतंकियों ने कहा कि तीनों महिला पत्रकारो को निशाने पर इसलिए लिया गया क्योंकि वे अफगान सरकार के लिए काम करने वाले जलालाबाद के मीडिया स्टेशन के साथ थीं। एनिकास रेडियो व टीवी में काम करने वाली महिलाओं पर यह पहला हमला नहीं था। पिछले साल के दिसंबर में IS ने दावा किया कि वहां एक और महिला कर्मचारी की हत्या की गई थी। अफगान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने मंगलवार को हुए हमले की निंदा की और कहा कि यह निर्दोषों के शोषण का मामला है।
मंगलवार को महिला मीडियाकर्मियों पर हुए हमले की दो अलग-अलग घटनाओं में गोली मारकर हत्या कर दी गई। तीनों महिलाएं एक स्थानीय रेडियो और टीवी स्टेशन के लिए काम करती थीं। ये महिलाएं भारत और तुर्की के लोकप्रिय नाटकों को अफगानिस्तान की स्थानीय भाषा डारी और पश्तु में डब करती थीं। वहीं दो अन्य महिला पत्रकार शहनाज और सदिया काम के बाद घर लौट रही थीं, तब उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस हमले में दो लोग घायल भी हुए हैं। इन घटनाओं की अभी तक किसी संगठन ने जिम्मेदारी नहीं ली है। अफगानिस्तान दुनिया में पत्रकारों के लिए एक खतरनाक मुल्क माना जाता है। इन तीन हत्याओं के साथ ही अफगानिस्तान में पिछले छह महीने में 15 मीडियाकर्मियों की हत्या हो चुुकी है।
उल्लेखनीय है कि फरवरी माह में अफगानिस्तान में कई हमले हुए जिसमें करीब 60 लोगों की जिंदगियां चली गई। बुधवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, जनवरी के शुरुआत में पत्रकार बिसमिल्लाह आदिल एैमक की हत्या हुई थी और 25 फरवरी को उनके परिवार के तीन सदस्यों को मार दिया गया। एैमक की जान आतंकियों ने ली थी। उसी दिन मोहम्मद मूसा अखलाकी (Mohammad Musa Akhlaqi) की हत्या गजनी सिटी में ही सड़क पर कर दी गई।