शीर्ष परमाणु वैज्ञानिक की हत्या से ईरान आगबबूला, हत्यारों पर कहर बरपाने की धमकी दी, हमले के पीछे इजराइल का हाथ बताया
ईरान के प्रेस टीवी से मिली जानकारी के अनुसार आंतकवादियों ने देश के प्रख्यात वैज्ञानिक की हत्या कर दी। ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ ने उनकी हत्या की निंदा करते हुए इसे राज्य प्रायोजित आतंक की घटना करार दिया है।
तेहरान, एजेंसियां। दुबई, एजेंसियां। ईरान के गुप्त परमाणु बम कार्यक्रम के अगुआ शीर्ष वैज्ञानिक मोहसिन फखरीजादेह की शुक्रवार को तेहरान के निकट घात लगाकर हत्या कर दी गई। इस घटना से तमतमाए ईरान के सुप्रीम नेता अयातुल्ला अली खामनेई के सैन्य सलाहकार और कमांडर होसैन देहघान ने फखरीजादेह के हत्यारों पर कहर बरपाने की धमकी दी है। इससे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल के आखिरी कुछ सप्ताह में ईरान और उसके शत्रुओं के बीच टकराव बढ़ने के आसार बनते दिख रहे हैं।
Terrorists murdered an eminent Iranian scientist today. This cowardice—with serious indications of Israeli role—shows desperate warmongering of perpetrators
Iran calls on int'l community—and especially EU—to end their shameful double standards & condemn this act of state terror.
— Javad Zarif (@JZarif) November 27, 2020
ईरान के विदेश मंत्री मुहम्मद जावद जरीफ ने एक ट्वीट में हत्या में इजराइल का हाथ होने का शक जताया है। लेकिन इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय तथा अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन ने हमले पर कोई टिप्पणी नहीं की है।
हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने इजराइली खुफिया एजेंसी मोसाद के जानकार पत्रकार योस्सी मेलमैन के एक ट्वीट को रीट्वीट किया है, जिसमें इस हत्या को ईरान के लिए बड़ा मनोवैज्ञानिक तथा पेशेवर आघात बताया गया है। 1958 में जन्मे फखरीजादेह पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद तथा अमेरिका ने 'अमाद' कार्यक्रम के लिए उन पर प्रतिबंध लगाया था।
सरकारी मीडिया की रिपोर्ट में कहा गया है कि हत्यारों ने परमाणु वैज्ञानिक की कार पर गोलियां बरसा दीं, जिसमें घायल होने के बाद अस्पताल में उनकी मौत हो गई। एक अर्ध सरकारी समाचार एजेंसी ने बताया कि आतंकियों ने फखरीजादेह की कार पर गोलियां बरसाने से पहले एक अन्य कार को विस्फोट से उड़ा दिया।
परमाणु वैज्ञानिक ने ईरान के 'अमाद' या 'होप' कार्यक्रम की अगुआई की थी। इजराइल तथा पश्चिमी देशों ने इसे सैन्य कार्यक्रम बताते हुए आरोप लगाया था कि यह ईरान में परमाणु हथियार बनाने की व्यवहार्यता परखने का कार्यक्रम था। हालांकि तेहरान हमेशा कहता रहा कि यह उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण है।
अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी का कहना है कि 'अमाद' कार्यक्रम पूरा हो चुका है और उसके निरीक्षक ईरानी परमाणु ठिकानों की निगरानी कर रहे हैं। इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने 2018 में कहा था कि ईरान अभी भी परमाणु हथियार बनाने की दिशा में काम कर रहा है, क्योंकि परमाणु वैज्ञानिक ईरानी रक्षा मंत्रालय के साथ स्पेशल प्रोजेक्ट पर काम पर रहे हैं। उन्होंने उस समय यह भी कहा था कि फखरीजादेह का नाम याद रखें।
शुक्रवार को परमाणु वैज्ञानिक पर हमले की खबर आने से पहले एक इजराइली अधिकारी ने कहा था कि इजराइल ईरान से निपटने के लिए अरब देशों से चर्चा कर रहा है। बता दें कि इसके पहले 12 जनवरी, 2010 में भी एक परमाणु वैज्ञानिक मसूद अली मुहम्मदी की रिमोट बम से हत्या कर दी गई थी। यद्यपि उस हत्या के पीछे राजनीतिक कारण बताया गया था।
हत्या के पीछे इजरायल पर मिलीभगत का लगता रहा है आरोप
बता दें कि ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम को विशेष रूप से शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए जोर देता है। 2010 और 2012 के बीच चार ईरानी परमाणु वैज्ञानिकों की हत्या कर दी गई और ईरान ने हत्याओं में इजरायल पर मिलीभगत का आरोप लगाया। मई 2018 में ईरान के परमाणु कार्यक्रम के बारे में इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू की प्रस्तुति में फखरीजादेह का नाम विशेष रूप से उल्लेखित किया गया था।